फ़ॉलोअर

रविवार, 28 अगस्त 2011

Aurat औरत


औरत तेरी यही कहानी 
कभी सीता तो कभी राधा रानी 
कभी पत्नी तो कभी प्रेमिका बनी तू 
कभी माँ बनी तो कभी बनी जगकल्यानी
औरत तेरी यही कहानी 

2 टिप्‍पणियां:

  1. यही स्वरुप औरत को 'सम्पूर्ण' बनाते हैं ... ऐसे कि पुरुष नत मस्तक हो जाए ... गर्व होता है उस पर ... हर सुख नारी से है ... पीड़ा की हर चुभन से नारी ही उबारती है ... खुश रहें ...

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...