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बुधवार, 25 जनवरी 2012

Mai Rahu Na Rahu Mera Prem Tumhare Sath Hoga मै रहूँ न रहूँ मेरा प्रेम तुम्हारे साथ होगा

(ये जज्बात, ये भावनाए उस फौजी की है जो अपनी पत्नी को घबराते हुये उसके जाने कि सारी तैय्यारीयाँ
 करते देखता है, सोचता है और उसे समझाता है की, वो उसे खुशी ख़ुशी विदा करे और उसके जाने के बाद खुद भी व्यर्थ के आंसू ना बहाकर खुश रहे ...)




तुमसे जुदाई का हर वो पल तड़पाता है मुझे 
जब भी हँसता - मुस्कुराता , दुःख को छुपाता
तेरा वो चेहरा याद आता है मुझे 
तेरे होंठो पर हँसी तो थी 
पर ना जाओ ऐसी फरियाद भी थी 
तेरी आँखों में दर्द था , आँसु भी थे 
पर उनको छुपाती , मुस्कुराकर तू दिखाती मुझे 
सब समझता हूँ मै,
मै समझता हूँ तेरे हर भाव को 
जो तू मुझसे छुपाती है और मुस्कुराती है 
कभी - कभी तो मै सोचता हूँ की , 
मैंने तेरे माथे पर अपने नाम का सिंदूर तो लगा दिया 
तुझे अपना तो बना लिया 
पर प्यार दिया या डर ?
सच कहो डरती हो न तुम ?
की , मै लौटकर आउंगा या नहीं 
अगर आ भी गया तो रहुँगा या नहीं 
हर वक़्त ये सवाल तुम्हे तड़पाते होंगे 
अकेले में तो और भी सताते होंगे ????
पर सुनो ,
जीवन का पहला फ़र्ज़ धरती माँ की रक्षा है 
और तुम उस रक्षक की प्रीया हो 
जिसे धरती माँ ने अपनी रक्षा के लिए चुना है 
फिर ये डर कैसा? क्यों इतनी खलिश है मन में ?
मै रहूँ ना रहूँ मेरा प्रेम तुम्हारे साथ होगा 
अब भी , आज भी ,, और हमेशा ही ....




....  गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ ....

रविवार, 15 जनवरी 2012

Prayas प्रयास


प्रयास 
( मेरी सहेली ने कहा कि, मैं अपनी कविताओ को एक रूप दु  तो बस अपनी कुछ कविताओ को एक ही कविता में ढालने का एक छोटा सा प्रयास है शायद आपको पसंद आये ..)




खुद की परछाई को संभालते हुए चलती जा रही थी 
पर तुम से पहली मुलाकात के बाद 
मन की बाते कुछ बदल सी गयी 
शायरी लिखने लगी हूँ तुम्हारी याद में 
आज सबके सामने ये इजहार करती हूँ की मैं भी करती हुं किसी से प्यार 
ऐसा ख्याल पहली बार मन में आया है 
क्यूंकि मै शायद तुमसे मिली तुम हो ही अलग से..तो क्यों न मन ये मेरा पिघलता 
मुझे माफ़ करना कहना तो बहुत कुछ चाहती हूँ पर शब्द नहीं मिल रहे है 
अब तो ये शाम की तन्हाई भी तडपाने लगी है
तुम्हारी यादे जो सताने लगी है
क्या हुआ तुम कुछ खफा खफा से लग रहे हो 
कल की बात से नाराज हो हमने कहा जो भी तुमसे वो मज़बूरी थी समझा करो
अब माफ़ भी कर दो 
करोगे न माफ़ 
मै जानती थी क्यूंकि मै हु तुझमे कहीं न कहीं 
सच है न ये 
अब बस ,
 बस अब ये दर्द सहा नहीं जाता
चलो फिर से शुरुवात करते है नयी - पूरानी यादो के साथ 
सारे गिले - शिकवे भुलाकर एक दूजे के साथ दिया और बाती बनकर 
कहो दोगे न तुम मेरा साथ 
कहो ना ....



रविवार, 8 जनवरी 2012

Na Jao Tum Abki Bar ना जाओ तुम अबकी बार



आज कह दूंगी सारी बात 
बता दूंगी अपने सारे जज्बात 
दिखा दूंगी वो सारी याद 
जो उनके ना होने पर 
थे मेरे तन्हाई के साथ 
फिर करुँगी एक फरियाद 
की ना जाओ तुम अबकी बार 
की ना जाओ तुम,,
कब तक रह पाऊँगी तुम्हारी यादो के साथ 
तुम्हारी कही उन अधूरी बातो के साथ
उन बातो के पूरा होने के इंतज़ार के साथ 
जब तुम्हारा आना होता है तो
वो अधूरी बाते पुरानी हो जाती है
फिर एक दौर नयी शुरुवात की
फिर उसमे एक अधूरी बात
कैसे पूरी होंगी वो अधूरी बातें
रुक जाओ तुम इसबार 
फिर करती हुं एक फरियाद 
की ना जाओ तुम अबकी बार ....


रविवार, 1 जनवरी 2012

Bas Aage Badhate Jana Hai बस आगे बढ़ते जाना है.



बीते समय में मिली खुशियों का हाथ थाम
नए साल में उन खुशियों को और भी बढ़ाना है
बस आगे बढ़ते जाना है....

मिला जो वो बहुत ही अच्छा था 
जो ना मिला उसे अब पाना है 
मेहनत करते जाना है 
बस आगे बढ़ते जाना है....

नया साल , नया अहसास 
अब पूर्ण विश्वास के साथ 
नया संकल्प भी बनाना है 
संकल्प को पूर्ण करने का 
प्रयास भी करते जाना है
बस आगे बढ़ते जाना है 

ना विराम है,  ना आराम है 
जीवन गतिशीलता का नाम है 
रफ़्तार हमको भी अब बढ़ाना है 
समय के साथ चलते जाना है 
बस आगे बढ़ते जाना है 


नया साल आप सभी के जीवन में अपार खुशिया लेकर आये .
इस मंगलकामना  के साथ मेरी ओर  से आपको एवं आपके परिवार को नववर्ष कि हार्दिक शुभकामनाये ...



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