आज अचानक से एक मोड़ पर
वो फिर से मिल गए
एक वक्त के लिए सब ठहर गया
बस हवा चलती रही ,,,और झोंको से मैं
खिसकती रही उनके पास
आँखे तो एक टक उन्हें देखती ही रह गई
और इन खुली आँखों में यादो की वो तस्वीर सी चल गई
वो पहली मुलाकात से लेकर जुदाई
तक की सारी यादे घूमने लगी
सहसा एक दुसरे की मिली जो नजर
लब थे खामोश पर बाहें मिलने को बेसबर
वो प्यार के हरपल याद आने लगे
वो रूठना - मनाना
वो चीखना - चिल्लाना
वो हँसना - मुस्कुराना
सहसा वो गीत भी कानो में गुजने लगा
जो उसने गाए थे कभी सिर्फ मेरे लिए
"अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं"...
वो मेरी तस्वीर जो उसने बनाई थी कभी ,,,,,
जिसे वक्त के दर्द ने और उसकी जुदाई की तड़प ने
धुमील सा कर दिया ,,
आज वो आँखों के सामने रंग बिखेरते से लगे....
उनको देखा तो सब कुछ सुहाना सा हो गया
काली स्याह रात में भी रोशनी छाने लगी
पर हवाओ के साथ उडता एक तिनका आया
जिसके स्पर्श ने मुझे झकझोर कर रख दिया
और आज के हकीकत से मिला दिया
की ये वही शख्स है
जिसने स्वार्थ और बड़प्पन में तुझे भुला दिया था,,,
क्या करती मै अपनी सारी यादों और खुशियों
को समेट कर रास्ता बदलने के सिवाय
क्या करती मैं ????
just a poem.
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शनिवार, 24 मार्च 2012
Kya Karati Mai? क्या करती मै ?
सोमवार, 12 मार्च 2012
Ek Ahsan Kar Do एक अहसान कर दो
जब अकेली थी तो तुमने साथ दिया
जब उदास हुई तो तुमने हसाया....
जब उलझती दुनिया के सवालो में
तुम्हारे जवाब में खुद को निर्दोष पाया.....
मन के अंतर्द्वन्द्व की राहों में जब भी भटकती
तुम्हारी ही बातो ने मुझे राह दिखाया....
जब कभी लडखडाती मुझे संभालते वो हाथ
तुम्हारे ही तो थे.......
जब चाहा खुद को हवा में उछाल देना,
पानी में बहा देना,
माटी में मिला देना...
मुझे रोकते -टोकते वो बाहों के घेरे बनाये
तुम ही तो खड़े थे...
जब कभी "नहीं " को सोचती
तो उसे "हाँ " करने की जद्दोजहद में तुम ही तो थे ...
खता हो गई जो तुम्हारी कृपा दृष्टी को प्यार समझ बैठी
ध्यान नहीं रखा और रिश्तो में मिलावट कर बैठी ......
पाकर खोना अब यह मुमकीन नहीं
दूर होना अब यह मुमकीन नहीं
तुम्हारा साथ, वो मीठा अहसास
इनके बिना जीना अब ये मुमकीन नहीं ....
आसान नहीं तुम्हारे बिन जीना .
एक अहसान कर दो तुम साथ हो यही कह भर दो ........
सोमवार, 5 मार्च 2012
Sakhi Mohe To Bhaye Kewal Shyam Rang सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग
ना लगाओ मुझे कोई भी रंग
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ...
कैसा मधुर मिलन होगा
जब साँवरे से मिलु मै भी साँवरी बन
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ....
यह मधुर मिलन तब और खिले
जब स्वयं श्याम रंगे मुझे अपने रंग
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ...
मीत की प्रीत से झलके नयन
श्याम रंग में रंगने को अब
तड़प रहा मोरा अंतर्मन
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ...
झूम-झूमकर मै इठलाऊ
घूम-घूमकर गीत मै गाऊ
खुशियों का आहलाद सुनाऊ
जब आए मोरे साँवरे बलम
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ....
प्रिय तेरी प्रीत पर मै बलिहारी
दर्शन को तरस गए नैन तिहारे
आ जाओ अब करो ना विलम्ब ...
ना लगाओ मुझे कोई भी रंग
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ....
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ....
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