आजा बरखा तेरी
राह तकू मैं कब से
झुमने को, नाचने को, गाने को
मन तरस रहा है कब से.....
सुनी जो पुकार है तुने
मन आभारी है तेरा बदरीया
भीगी - भीगी, रिमझिम - रिमझिम फुहार में
पिया संग नाचे ये बांवरिया ....
सावन के झूले डाल दिए है
हिचकोले खाने लगा है मन
हवा संग बहने को,
प्रेम संग बहकने को,
बजने लगा है मन - तरंग ....
तेरी मेरी बातें
वो मीठी यादे
कहाँ ले आई है कहाँ ले जाएँगी
ये प्यार की प्यारी मुलाकाते....
बरसात वो भीगी सी रात
तेरा मेरा मिलना
फूलों सा खिलना
रिमझिम फुहार
चूड़ियों की झंकार
भीगा उनका मन
लाज से झुक गये
मेरे दो नयन ......
सावनी फुहार
हिना की खुशबू
महक उठा है मन
महक उठा है घर - आँगन
इंतजार है अब
कब खिलेगा मेरी
हथेली पर रंग....
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बुधवार, 11 जुलाई 2012
Barsat Ke Rang Dekho Mere Sang बरसात के रंग देखो मेरे संग ..
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आपके संग देखे बरसात के रंग....और बहुत बहुत भाये...
जवाब देंहटाएं:-)
सस्नेह
अनु
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
सावन की ये मस्त झड़ी पूरा माहोल ही प्रेम मय कर देती है ... उमंगें जगा देती है दिल में ... सुन्दर काव्य ...
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्र और बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबरसात के रंग संग संग-
जवाब देंहटाएंवाह--
सुन्दर प्रस्तुति |
बधाई स्वीकारें ||
रिमझिम फुहार
जवाब देंहटाएंचूड़ियों की झंकार
क्या बात है जी....आपकी मनुहार के आगे तो बारिश बेचारा लाचार है... उसे आना ही पड़ेगा...
बरखा की बूंदों के संग बेहतरीन रंग शब्दों के ..अनुपम प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंsundar kavita.........
जवाब देंहटाएंsundar kavita.......
जवाब देंहटाएंसावन तो होता ही ऐसा है....बस मन झूम जाये...
जवाब देंहटाएंबरखा बहार आई ,सावन की फुहार लाई......
जवाब देंहटाएंवर्षा , साजन ,सजनी ... एक अटूट बंधन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
जवाब देंहटाएंसावन की रिमझिम बूंदे और गिरे फुहार,
महक उठाता है घर-आँगन,आता राखी का त्यौहार,,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
बहुत ही बढ़िया....
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत पावस रचना आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्र...रिमझिम फुहार.. बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंउफ़ ……………क्या अन्दाज़ है बूंदों के संग
जवाब देंहटाएंवैरी रोमांटिक...मज़ा आ गया कविता पढ़ के!!
जवाब देंहटाएंबरखा की बूंदों के संग बहुत मर्मस्पर्शी अहसास....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंरीना जी ......क्या बात है... हर पंक्ति बेहद उम्दा है रचना पसंद आई.......आपको शुभकामनाएं..!
जवाब देंहटाएं@ संजय भास्कर
एक तो दिल को छु जाने वाली कविता ,दुसरे भाव बयां करती तस्वीरें ,वाह क्या खूब है .
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
वाह रीना जी बड़ी सुन्दरता से लिखा है आपने
जवाब देंहटाएंwah re sawan.... behatreen!! utne hi manohari pic!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर जी...
जवाब देंहटाएं:-)
बहुत ही खूबसूरत पावस रचना
जवाब देंहटाएंसावन के सारे रंग समेटे आपने।
जवाब देंहटाएंSuperb presentation.. Loved it.. keep writing..
जवाब देंहटाएंThanks
कविता में बरसात के रंग :) :)
जवाब देंहटाएंभीगा भीगा सा मौसम ...भीगे से हैं ज़ज्बात ....
जवाब देंहटाएंभीग गया इस सावन में मेरा भी मन ......
जवाब देंहटाएंइस कविता के फुहारों ने मेरे मन को भी भीगो दिया ..
सुंदर .... बधाई !!
बरखा के सारे रंग इस कविता में खूबसूरती से समाहित हैं।
जवाब देंहटाएंकमाल है! मदमस्त कर देने वाली पोस्ट पर भी कोई कमेंट बहका-बहका नहीं है!! मैं ही क्यों जवान बनूं ।:)
जवाब देंहटाएंsir dusaro ka intajar na kijye ap javan ban mauj masti kare..
हटाएंbahut-bahut dhanywad...
:-)