फ़ॉलोअर

बुधवार, 22 अगस्त 2012

Kuch Tum Kuch me कुछ तुम , कुछ मै


कहना होता है कुछ तुम्हें
तो कह दीया करो
मन में छुपाकर
कोई बात रखा ना करो
जो होगा सही तो
प्यार से इकरार कर लूंगी मै 
अगर नहीं तो
ख़ुशी से स्वीकार 
कर लेना तुम
एक-दूजे के है हम
फिर संकोच कैसा ??
कुछ तुम कहो
कुछ मै कहूँ 
सुने एक-दूजे की
माने दिल की भी 
और साथ दे
जब एक-दूजे का
तो फिक्र कैसी
कुछ तुम , कुछ मै 
और फिर सब
पूर्ण 
संपूर्ण
.....

शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

Mera Pyara Khwab *** मेरा प्यारा ख्वाब ***



सुनों ना
कुछ कहना है तुमसे
तुम क्यूँ इतना
दूर हो मुझसे
पता है कल रात
एक ख्वाब देखा मैंने..
जिसमे तुम हो ,,मै हूँ
और वो सुनहरी रंगबिरंगी संध्या
आकाश कुछ नारंगी , कुछ नीला
थोड़ा सा काला और कहीं - कहीं
पीला रंग लिए ,,,
मद्धिम रोशनी बिखेर रहा था..
और हम समुंद्र के कीनारे बैठे
आसमान की ओर ताकते
उन बदलते रंगों की गीनती कर रहे थे
जब भी गीनती में चुक होती
एक - दूजे को देख जोर - जोर से हँसते
कितना सुकूनभरा वो पल था
कितनी इक्छाएँ दबी थी मन में
कितनी शिकायते भी थी...
कभी तुम कहते कुछ..
कभी मै बताती कुछ...
हाय |||||
कितना खुबसूरत और
प्यारभरा वो पल था
सुनों ना ,,,
चलो अब जल्दी से
लौट आओ
इस ख्वाब को पूरा कर दो
कुछ पल अपने साथ
वो सुकूनभरे पल दे दो......




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...