फ़ॉलोअर

शनिवार, 23 मार्च 2013

ibadat इबादत ...

-->


तेरी मोहब्बत इबादत है मेरी .....
तू है , तुझसे है,, ये चाहत मेरी
ख़त्म न हो कभी ये इबादतों का सिलसिला
प्रार्थना में माँगी हमने ....
हरदम मोहब्बतें तेरी.....


बेचैनी इधर भी है उधर भी .....
आग इधर भी लगीं है उधर भी
ना जाने कौन किसकी पहलू में है .....
कौन किसकी आगोश में
बस दो दिल पिघल रहे हैं ....
एक - दुसरे की पनाहों में
शमाँ जल रही है इश्क की.....
रोशन चिराग इधर भी है उधर भी....


Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...