सुनों ना
कुछ कहना है तुमसे
तुम क्यूँ इतना
दूर हो मुझसे
पता है कल रात
एक ख्वाब देखा मैंने..
जिसमे तुम हो ,,मै हूँ
और वो सुनहरी रंगबिरंगी संध्या
आकाश कुछ नारंगी , कुछ नीला
थोड़ा सा काला और कहीं - कहीं
पीला रंग लिए ,,,
मद्धिम रोशनी बिखेर रहा था..
और हम समुंद्र के कीनारे बैठे
आसमान की ओर ताकते
उन बदलते रंगों की गीनती कर रहे थे
जब भी गीनती में चुक होती
एक - दूजे को देख जोर - जोर से हँसते
कितना सुकूनभरा वो पल था
कितनी इक्छाएँ दबी थी मन में
कितनी शिकायते भी थी...
कभी तुम कहते कुछ..
कभी मै बताती कुछ...
हाय |||||
कितना खुबसूरत और
प्यारभरा वो पल था
सुनों ना ,,,
चलो अब जल्दी से
लौट आओ
इस ख्वाब को पूरा कर दो
कुछ पल अपने साथ
वो सुकूनभरे पल दे दो......
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शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
Mera Pyara Khwab *** मेरा प्यारा ख्वाब ***
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ख़्वाब किसी के पूरे होना, इतना नही आसान
जवाब देंहटाएंयदि किसी के पूरे हो जाए,वह बड़ा भाग्यवान,,,,,
जल्द ही ख्वाब पूरे हों...
जवाब देंहटाएं:-) शुभकामनाएँ
जब भी गीनती में चुक होती
जवाब देंहटाएंएक - दूजे को देख जोर - जोर से हँसते
कितना सुकूनभरा वो पल था....
simply beautiful :)
ख्वाब तेरे हों या मेरे , सदा होते हैं पुरे
जवाब देंहटाएंइसे अंजाम तक, हौसला ले जाने का
बहुत प्यारा ख्वाब.... ईश्वर करे जल्द पूरा हो.
जवाब देंहटाएंइतना प्यारा ख्वाब....पूरा ज़रूर होगा...
जवाब देंहटाएंसुन्दर!!!
सस्नेह
अनु
सुन्दर..
जवाब देंहटाएंपता है कल रात
जवाब देंहटाएंएक ख्वाब देखा मैंने..
जिसमे तुम हो ,,मै हूँ
और वो सुनहरी रंगबिरंगी संध्या
पता है न... सुना सुना आपके ख्वाब में हम भी हैं... बहुत सुन्दर रचना :)
कभी तुम कहते कुछ..
जवाब देंहटाएंकभी मै बताती कुछ...
बहुत सुन्दर रचना
.......................
सुनों ना ,,,
जवाब देंहटाएंचलो अब जल्दी से
लौट आओ
इस ख्वाब को पूरा कर दो
कुछ पल अपने साथ
वो सुकूनभरे पल दे दो...
.......बहुत ही प्यारा ख्वाब हम प्रार्थना करते है .....पूरा ज़रूर होगा ....तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है रीना जी - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
@ संजय भास्कर
बहुत सुनहरा सा ख्वाब....शानदार।
जवाब देंहटाएंसुंदर सपना..... सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंएक प्यारा सा ख्वाब ...!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !
आभार !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (19-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
धन्यवाद सर जी....
हटाएं:-)
धन्यवाद सर जी....
जवाब देंहटाएं:-)
बहुत ही खुबसूरत ख्यालो से रची रचना......
जवाब देंहटाएंye khwaab jaroor poore hote hain .
जवाब देंहटाएंsundar rachanaa , badhaayi
बहुत सुन्दर .....ख्वाब सच भी हो जाते है ......
जवाब देंहटाएंप्यारी सी रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंक्या कहने
बहुत सुन्दर ख्वाब ,प्यारी सी रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना रीना जी बहुत अच्छी लगी मुझे आपका ब्लॉग स्वरुप बहुत प्यारा लगता है इतने छोटे छोटे पंछी ऊपर से आते हुए ...वाह कितने प्यारे लगते हैं
जवाब देंहटाएंthank you aanty ji...
हटाएं:-):-)
उफ्फ्फ ये इंतज़ार के पल ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..कोमल अहसासों वाली, मासूम कविता...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत एहसास
जवाब देंहटाएंअगर इस अंदाज़ से कोई बुलाये!
जवाब देंहटाएंतो कोई भी सर के बल आ जाए!
खूबसूरत मंज़र गढ़ा है आपने!
मुबारक!
आशीष
--
द टूरिस्ट!!!
रीना जी, बहुत ही प्यारा ख्वाब संजोया है आपने।
जवाब देंहटाएंबधाई।
............
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
आज 20/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंthank u sir:-)
हटाएंthank u di:-)
भावनाओं की कोमल अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंआप कामयाब हैं !
very sweet.....
जवाब देंहटाएंमीठी सी कविता
जवाब देंहटाएंएक सुन्दर रूमानी अहसास
जवाब देंहटाएं..आमीन।
जवाब देंहटाएंगिनती,चूक,इच्छाएं...
क्या करूँ सर जी...
हटाएंजो जल्दी से सुधर जाए
वो रीना नहीं न...
धीरे -धीरे सुधरुंगी
तब तक झेलिये...
और सुधारिए...
:-) :-)
अपनी नाकामी का एक ये भी सबब है ऐ दोस्त....!!!
जवाब देंहटाएंचीज जो भी मांगते है ..सबसे जुदा मांगते है.....
.....बहुत खूबसूरत ...अनोखा अंदाज....अंतर्मन को सैलाब में लपेटता हुआ....बहुत बधाई.....!!!
बहुत ही अच्छी कविता रीना जी बधाई |
जवाब देंहटाएंek behtreen rachna ke liye badhai Rina jee.
जवाब देंहटाएंbehad khubsoorat aur saral abhivyakti
जवाब देंहटाएं