घूरती है उसे हजारों की निगाहें
हर निगाह में दोषी वो ही
हर निगाह तैयार है
बाण बनकर
हजारों सवालों के तीर
छोड़ने को तैयार
क्यूँकर हुआ ऐसा
क्या किया उसने
कुछ तो खोट
उसमे ही होगी
तभी तो हो गयी वो
" परित्यक्ता "
हाँ वो परित्यक्ता है
क्यूंकि नहीं सह पाई वो
प्रताड़ना, उलाहना
उस बेशरम शराबी की
जिसे लोगो ने उसका
पति परमेश्वर बना दिया था
हाँ वो छोड़ी गई है
या खुद छोड़ आई है
उस नर्क को
क्या फर्क पड़ता है इससे..
बात तो सिर्फ इतनी है
की वो अब "परित्यक्ता" है...