खामोश मेरी आँखों के
झलकते गीतों को .......
तुमने शब्दों से भर दिया
तुमसे बड़ा कवि
मेरे लिए और कहाँ.....
आदत नहीं है मुझे तेरी
तुम इबादत बन गए हो मेरी ....
आदत तो बनती बिगड़ती है
पर इबादत की हर दुआ
में अब तुम्हारा नाम आता है......
मुझे मेरे महबूब में
अब खुदा नजर आता है.....
मेरे अश्क अश्क में प्यार है तेरा,,
बूंद बूंद में इकरार है तेरा .....
मेरी हर सिसकियों में,,
ये इजहार है मेरा,,
हाँ मुझे तुमसे मोहब्बत है....
मोहब्बत है,,, मोहब्बत है....