बहुत छोटा शब्द है " भूख "
पर भूख की दौड़ बहुत लंबी है
रोटी तक पहुँचने के लिए
रास्ते में अनेक रोड़े हैं,
अशिक्षा
अज्ञानता
भोलापन
गरीबी
मजबूरी
इन सबके साथ ही हो जाते हैं
ठगी का शिकार
साहब से
धोखेबाजों से
लालचियों से
फिर जो मिलता है, खाते हैं, बचाते हैं l
फिर आ जाता है हाथ आजमाने
खराब किस्मत l
सूखा
बाढ़
आपातकाल
अफवाह
सब कुछ ख़त्म l
बस बचती है मारी हालत की दो रोटी l
सच, भूख की दौड़ बहुत लंबी है
रोटी तक पहुँचने के लिए l
रीना मौर्या मुस्कान
मुंबई, महाराष्ट्र