आज कह दूंगी सारी बात
बता दूंगी अपने सारे जज्बात
दिखा दूंगी वो सारी याद
जो उनके ना होने पर
थे मेरे तन्हाई के साथ
फिर करुँगी एक फरियाद
की ना जाओ तुम अबकी बार
की ना जाओ तुम,,
कब तक रह पाऊँगी तुम्हारी यादो के साथ
तुम्हारी कही उन अधूरी बातो के साथ
उन बातो के पूरा होने के इंतज़ार के साथ
जब तुम्हारा आना होता है तो
वो अधूरी बाते पुरानी हो जाती है
फिर एक दौर नयी शुरुवात की
फिर उसमे एक अधूरी बात
कैसे पूरी होंगी वो अधूरी बातें
रुक जाओ तुम इसबार
फिर करती हुं एक फरियाद
की ना जाओ तुम अबकी बार ....