कभी क्लास की बेंच पर ,,
तो कभी कैंटीन की टेबल पर...
लड़का ; मेरी यही आदत तो तुम्हें अच्छी लगती थी तब ...
लड़की ; हाँ पर तब,,,,
लड़का ; ( बिच में ही रोककर ) क्या तब.....और तुम भूल गई जब कभी मेरा ये लेबल तुम्हें नहीं दिखता तो तुम कितना बेचैन हो जाती थी...
सब जगह इसे खोजती...
याद करो वो पल जब मैंने तुमसे अपने प्यार का इजहार किया था
लड़की ; ह्म्म्म लेबल पर लिखकर
लड़का ; तो तुम कितना खुश हूई थी उसदिन...फिर तुमने भी तो इकरार किया था..
लड़की ; ह्म्म्म||| लेबल पर लिखकर....
लड़का ; क्या तुम ये लेबल की रट लगाए हो ????
लड़की ; लो.... मै तो सिर्फ बोल रही हूँ तो तुम्हें इतना बुरा लग रहा है ..
और तुम..तुम तो अपनी सुबह भी शुरू करते हो तो, लेबल के डब्बे से लेबल निकलते हुए और रात में लेबल पर good night.sweet dream love u:-) सब लिख दोगे और रख दोगे उसे मेरे तकिये के नीचे .....
ओफ्फोह |||
परेशान हो गयी हूँ मै...
लड़का ; क्या हुआ बताओ ना ..क्यूँ इतना नाराज हो तुम ????
कभी यही तो तुम्हें अच्छा लगता था और अब इसी बात पर तुम नाराज हो...
लड़की ; अगर तुम मुझसे प्यार करते हो और मुझे खुश देखना चाहते हो तो बंद करो ये लेबलों का किस्सा ...फेंक दो लेबल के डिब्बे को ...
" कभी मेरे पास घंटे दो घंटे बैठकर प्यार के दो मीठे बोल तो बोलो.... "
लड़का ; चलो मेरे साथ....
लड़की ; कहाँ ??
लड़का ;चलो तो कुछ मत पूछो ...
( एक पार्क में ले जाता है वहां एक छोटे से तालाब के किनारे एक बेंच पर दोनों बैठते है....तभी लड़का ...लड़की को अपनी कविता सुनाता है )
मेरी कल्पना का साकार हो तुम
मेरी शोना मेरा प्यार हो तुम
जो सोचा था ख्वाबों में
वो हकीकत हो तुम
जो चाह था पाना
वो कीमती हो तुम
जो ना चाहूँ कभी खोना
वो तुम हो मेरी शोना , मेरी शोना
मेरे लबों पर गीतों का फसाना हो तुम
मेरी खोमोशी में गुनगुनाता गाना हो तुम
मेरी कविता में लिखा हर शब्द हो तुम
मेरा दिल मेरी जान हो तुम
मेरी शोना मेरा प्यार हो तुम
अब बोलो..???
लड़की ; वाह वाह
( मजाक के मूड में )
अच्छा तो ये बताओ अगर मै तुमसे झगड़ती नहीं तो तुम मुझे यहाँ लेकर नहीं आते... और ना ही ये कविता तुम मुझे सूनाते..
लड़का ; तो
लड़की ; अरे तो क्या ...
" मै तो सोच रही हूँ की लेबल तो छोटा होता है न ,,,तो इतनी बड़ी कविता तुम लेबल पर लिखते कैसे ???
( दोनों हंसते हुए)
लड़की ; मेरे झगड़ने का कितना फायदा हुआ न,,,
इतनी प्यारी सी कविता भी सुन ली
और वो भी तुम्हारे मुँह से ..
और इन लेबलों से भी पीछा छुटा...
(लड़की फिर सोच में पड़ जाती है...)
लड़का; क्या हुआ? किस सोच में हो..????
लड़की ; वही की इतनी बड़ी कविता तुम लेबल में लिखते कैसे ? और ना लिखते तो मुझे पता ही ना चलता है न ???
लड़का ; हँसते हुए...( अपने जेब से लेबल का एक सेट निकालता है जिसे उसने गोंद से चिपकाकर एक लड़ी बना ली थी ,,उसपर ही उसने यह कविता लिखी थी.. )
लड़की के हाथ में देता है..
लड़की ; ( इसे देखकर चौक जाती है और हँसते हुए कहती है )
ओफ्फोह || हे भगवान.. और लड़के को गले से लगा लेती
है..
( दोनों घर जाते है )
घर आकर लड़की उस लेबल की लड़ियों को अपने बेडरूम में लगा देती है..
:-) :-)
प्यार की हल्की -फुल्की टकरार....