ना लगाओ मुझे कोई भी रंग
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ...
कैसा मधुर मिलन होगा
जब साँवरे से मिलु मै भी साँवरी बन
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ....
यह मधुर मिलन तब और खिले
जब स्वयं श्याम रंगे मुझे अपने रंग
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ...
मीत की प्रीत से झलके नयन
श्याम रंग में रंगने को अब
तड़प रहा मोरा अंतर्मन
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ...
झूम-झूमकर मै इठलाऊ
घूम-घूमकर गीत मै गाऊ
खुशियों का आहलाद सुनाऊ
जब आए मोरे साँवरे बलम
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ....
प्रिय तेरी प्रीत पर मै बलिहारी
दर्शन को तरस गए नैन तिहारे
आ जाओ अब करो ना विलम्ब ...
ना लगाओ मुझे कोई भी रंग
सखी!! मोहे तो भाए केवल श्याम रंग ....
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ....