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मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018

kaise ho sajan mere कैसे हो साजन मेरे






कैसे हो साजन मेरे 
ना कोई संदेशा आया है
झूठी हँसी से चेहरा सजा है
मन का पुष्प मुरझाया है 
आँखे भी ना साथ निभाए 
रह-रह आँसू झलक आया है 
पिया मिलन को तरसे जियरा 
ना कोई संदेशा आया है
बाट जोहती दिन और रैना 
थक कर हार गए मोरे नैना
थोड़ी सुध -बुध यहाँ की भी ले लो
माँ-बाबूजी का हालचाल ही पूछ लो
ऐसे भी क्या व्यस्त हो रहते 
तुम बिन हम क्या कुछ है सहते
बिन पिया के जीना है कितना मुश्किल
पड़ोसिन चुभाती है हर वक्त तानों के कील
घूँट-घूँट तानों के पी रही हूँ
माँ-बाबूजी और बच्चों के लिए जी रही हूँ
चलो छोडो सबकुछ अब
लौट यहाँ तुमको आना है 
बहुत हो गई ये रुसवाई 
आ जाओ एक बार पिया जी

अब दूर न तुमको जाना है  



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