......श्याम तेरी बंसी की धून......
सबको रिझाये
मनवा बहकाये
....सुध -बुध भुलाये ....
बस तेरी ओर
खिंचा चला आये
मोहे काहें तड़पाये
बंसी बजाये
मंद मंद मुस्काये
मोहे छेड़े,,,,,
सताये ....
मुहवाँ बिचकाये
गगरिया फोड़ मोरी
मोहे ठेंगा दिखाए
......श्याम तेरी बंसी की धून.....
....सुध -बुध भुलाये....
सब रास कहे
सब लीला कहे
मैं जानू तेरी
साजिशों को सब
अपने प्रेम में
दीवाना काहें
मुझको बनाये
.....श्याम तेरी बंसी की धून.....
.....सुध -बुध भुलाये....
मन तेरी ओर खिंचा
चला आये.....
सबको रिझाये
मनवा बहकाये
....सुध -बुध भुलाये ....
बस तेरी ओर
खिंचा चला आये
मोहे काहें तड़पाये
बंसी बजाये
मंद मंद मुस्काये
मोहे छेड़े,,,,,
सताये ....
मुहवाँ बिचकाये
गगरिया फोड़ मोरी
मोहे ठेंगा दिखाए
......श्याम तेरी बंसी की धून.....
....सुध -बुध भुलाये....
सब रास कहे
सब लीला कहे
मैं जानू तेरी
साजिशों को सब
अपने प्रेम में
दीवाना काहें
मुझको बनाये
.....श्याम तेरी बंसी की धून.....
.....सुध -बुध भुलाये....
मन तेरी ओर खिंचा
चला आये.....