मेरा अस्तित्व मेरे साथ है
वो किसी के नाम का मोहताज नहीं
पर हाँ
जब मेरे नाम के साथ
मेरे पिता का नाम होता है
मुझे ख़ुशी होती है
उनका मेरे साथ होना
उनका अहसास
उनका आभास ....
और जब नाम के साथ
जुड़ता है पति का नाम
तब भी नहीं खोता
मेरा अस्तित्व
ये तो बंधन है प्यार का
मेरा स्त्री होना ही
मेरा अस्तित्व है
और इस अस्तित्व से
मैंने रचा है कई रिश्ता
मेरे नाम के साथ किसी का नाम
या किसी के नाम के साथ मेरा नाम
ये कोई वजह नहीं
अस्तित्व के होने न होने में
या अस्तित्व के खोने में
ये नाम तो हमें रिश्ते देते है
पर अस्तित्व की असली पहचान
हमारा कर्म है
हमारा लक्ष्य है
और एक स्त्री होना ही
अपने आप में पूर्ण
अस्तित्व है...
रीना मौर्य मुस्कान
मुंबई महाराष्ट्र