माँ रहती है तो सबकुछ
कितना आसान होता है
जैसे कोई गम ...
कोई दुःख ...
कोई कठिनाई ...
बस छूकर निकल गई हो जैसे
हर तकलीफ हर गम से माँ उबारती है
बड़े ही सलीके और प्यार से समझाती है
हिम्मत और हौंसला है माँ
माँ तुझसे ही है मेरा जहाँ .....
माँ एक शब्द
कितने अहसास
कितना प्रेम ,
कितने अपनत्व,
कितने जज्बात
भर आँचल ममता ,
कितनी ही चिंता,,
हरपल आँखों में
प्यारा सा सपना सजाती
अपने लाड़ले - लाड़लियों के लिए
कितने ही त्याग देती
एक चलती- फिरती मुस्कुराती देवी है माँ...
माँ तुझसे ही है मेरा जहाँ .....
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रविवार, 5 जनवरी 2014
mamta ki chhanv ममता कि छाँव
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