बचपन से किताबों में पढ़ते
और
लोगों से सुनते आए हैं
"जीवन संघर्ष है "
"मेहनत करने से सफलता मिलती है"
फिर क्यूँ
इस संघर्ष से डरकर
अपना जीवन बर्बाद किया
परीक्षा में फेल हुए
या कम अंक आए तो क्या हुआ...
जीवन का क्यूँ विनाश किया
एक साल की तो बात थी
मेहनत करते तो
फिर सफल हो ही जाते
एक साल के लिए
क्यूँ तुमने अपना पूरा
जीवन बर्बाद किया....
जान देना यह विकल्प
कितना सही था
या परिश्रम करना
तुम्हे रास नहीं था
किस बात की चिंता थी तुम्हें
एक साल पीछे हो गए
लोग हसेंगे
या माता पिता गुस्सा होंगे
इस बात का डर था
मृत्यु को अपनाने से अच्छा
थोड़ा हौसला और दिखाते...
परिश्रम करते
सफल हो जाते...
हँसनेवाले हँसते रह जाते....
जीवन तो बर्बाद न होता..
तेज कदम बढ़ाते..
तो आगे भी बढ़ जाते..
फिर सर उठा कर
चलते...
माता पिता भी खुश हो जाते...
उज्ज्वल भविष्य को ख़त्म
कर मृत्यु की तुमने
क्यूँ राह अपनाई ......
जान देना यह विकल्प
कितना सही था.....
या परिश्रम करना
तुम्हे रास नहीं था ...
अच्छी अभिव्यक्ति है रीना..........
जवाब देंहटाएंवैसे मेरा भी मानना है कि कितना भी प्रेशर हो, जान देना कोई हल नहीं.......कायरों का काम है ये...
सार्थक लेखन के लिए बधाई
सस्नेह
धन्यवाद ..
हटाएंऔर सबसे बड़ी बात विद्यार्थियों को कभी मरने की बात नहीं करनी चाहिए.
उन्हेतो फिर से मेहनत करना चाहिए..
मृत्यु को अपनाने से अच्छा
जवाब देंहटाएंथोड़ा हौसला और दिखाते...
वाह..... क्या बात कही आपने....
बढ़िया....लिखते रहिये....
जान देना विकल्प नहीं ... कारणों पर ध्यान देना होगा . कोई भी आत्महत्या हत्या ही होती है
जवाब देंहटाएंजान देना कायरता है,,,,समाधान नही,,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना,,,,रीना जी बधाई,,,,,
अछूते विषय पर अच्छी रचना!
जवाब देंहटाएंजान देना मेहनत करने से ज़्यादा आसान है :)
जवाब देंहटाएंआत्महत्या का निर्णय कोई यूं ही नहीं लेता इस निर्णय के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों को भी समझना होगा।
सादर
jaan dena matlab kayarta dikhana aapne jeewan rupi khel me haar jaana.....
जवाब देंहटाएंjaan dena kisi bhi musibat ka hal nahi hai ,hal hai datkar mukabla karna ! chahe wo padhai ho ya koi bhi gharelu baat....
जान देना यह विकल्प
जवाब देंहटाएंकितना सही था.....
या परिश्रम करना
तुम्हे रास नहीं था ...
....बहुत सार्थक प्रश्न उठाया है...आत्म हत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है...
जान देना विकल्प नहीं, .कायरों का काम है
जवाब देंहटाएंबढ़िया..लेखन..
जान देना कोई विकल्प या समाधान नहीं ...ये बच्चे क्यों नही समझ पाते....
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना......जीवन ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य उपहार है इसे आवेश में आकर मिटा देना कायरता भी है और मूर्खता भी
जवाब देंहटाएंआत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं होता, मेहनत करने से सफलता जरुर मिलती है... सार्थक लेखन के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर :-)
जवाब देंहटाएंजिंदगी किताबोसे बहुत बड़ी है - बहुत अच्छी रचना !
जवाब देंहटाएंगहन जीवन दर्शन है आपकी इस रचना में.... सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंपरिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों लेकिन उसका हल आत्महत्या हर्गिज़ नहीं ... बेहद सार्थक विषय प्रस्तुति ... आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएं(अरुन =arunsblog.in)
सकारात्मक चिंतन .सार्थक सन्देश देती पोस्ट .
जवाब देंहटाएंसच है ये की जीवन संघर्ष है.....सार्थक विषय पर सुन्दर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंजान देना यह विकल्प
जवाब देंहटाएंकितना सही था.....
या परिश्रम करना
तुम्हे रास नहीं था ...
गहन जीवन दर्शन आपकी इस रचना में.... सुन्दर प्रस्तुति.
सार्थक चिंतन है ये कविता ... सोचने वाली बात है उनके लिए जो खुदकशी का रास्ता अपनाते हैं और मेहनत नहीं करना चाहते ... जीवन तो संघर्ष का दूसरा नाम है ...
जवाब देंहटाएंजान देना तो बुझदिलों का काम है.बहादुर तो वो होते हैं ,जो सुख दुःख दोनों को बर्दाश्त करके जीते चले जाते हैं.ये रचना जिन्दगी से मायूस लोगों में एक उम्मीद की किरण का काम करेगी.और उन्हें जीने के लिए प्रेरित करेगी.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
सही कहा आपने... सार्थक सशक्त चिंतन....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना....
प्रेरणादायी कविता है
जवाब देंहटाएंहिन्दी दुनिया ब्लॉग (नया ब्लॉग)
इतने जन्मों के बाद मिला यह जीवन इस तरह अकारथ नहीं जाना चाहिए।
जवाब देंहटाएंरीता जी आपकी रचना को पढ़कर व्यक्ति निराशा से पार पाने की प्रेरणा पा सकता है
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना...
रीना जी जान देना विकल्प नहीं पलायन है .मानसिक रोगों के एक प्रबल प्रवृत्ति का हिस्सा है .इलाज़ होना चाहिए अवसाद की इस स्थिति का आखिर जीवन कीमती है .
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया सोंच , आभार !
जान देना विकल्प कभी हो नहीं सकता और परिश्रम के अलावा कोई रास्ता भी नहीं होता।
जवाब देंहटाएंजान देना मानसिक रोगों की एक प्रबल प्रवृत्ति का हिस्सा है.
जवाब देंहटाएंआपका प्यारा सा चिट्ठा
जवाब देंहटाएं"ब्लॉगोदय" एग्रीगेटर मे जोड़ दिया गया है, शुभकामनाएं।।
असफल होने वालों को सही प्रेरणा देती एक सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंइन परिस्थितियों में जान देना बिल्कुल अनुचित है।
बहुत बेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
सार्थक सोच और भावपूर्ण कविता |
जवाब देंहटाएंआशा
pyari si sarthak soch...:)
जवाब देंहटाएंमैं आत्महत्या को किसी भी तौर पर सही नहीं ठहराना चाहता, बस उन सभी लोगों से सहानुभूति है जिन्होंने कई कठिन परिस्थितियों में अपनी ज़िन्दगी को ख़त्म करने का फैसला लिया... पता नहीं क्यूँ ये बात बहुत STRONGLY कहना चाहता हूँ कि वो कायर नहीं थे, बस उन्हें ज़िन्दगी जीने का हुनर नहीं आया... वो थक गए, अपने आप से, अपने सपनों से, अपनी ज़िन्दगी से....
जवाब देंहटाएंआत्महत्या, एक रास्ता भर है आजादी का...
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पापा, आपसे माफ़ी मांगता ही रहूँगा......
प्रेरणादायी कविता है
जवाब देंहटाएंजान देना यह विकल्प
जवाब देंहटाएंकितना सही था.....
या परिश्रम करना
तुम्हे रास नहीं था ...
अतिशय महत्वाकांक्षा ,माँ -बाप समाज ,जीवन इकाइयों का आनुवंशिक दवाब और बेहद की निराशा व्यक्ति को कुल मिलाकर आत्म हन्ता बना देते हैं आत्म ह्त्या के लिए उकसाते हैं .अपेक्षाओं का दवाब भी इसके लिए कम दोषी नहीं है .सकारात्मक सन्देश देती पोस्ट .
Sateek panktiyan...Saarthak Soch...
जवाब देंहटाएंजान देना कभी भी अच्छा विकल्प हो ही नहीं सकता .......
जवाब देंहटाएंजान देना तो भागने का तरीका किसी समस्या से, समस्या का इलाज़ नहीं.
जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण और प्रेरणादायक रचना.
प्रेरणा देती एक अति उत्तम रचना...:-)
जवाब देंहटाएंसार्थक संदेश देती अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कविता!!बहुत ही अच्छा सन्देश देती है..
जवाब देंहटाएंमैं भी मानता हूँ की आत्महत्या कोई विकल्प नहीं है!