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शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

ful gulab ka फूल गुलाब का



महक उठता था मेरा अंग
जब तू था मेरे संग
वो गुलाबी गुलाब के फूल
चुभे थे तुम्हारे हाँथों में 
उसके शूल
सुर्ख लाल रंग लहू से अपने
भर दी थी तुमने माँग मेरी
और चूम लिया था मैंने
अपने लाल होंठों से 
तुम्हारा माथा
तिलक के पर्याय मे
और इस तरह कर लिया था
हमने ब्याह 
गुलाब को साक्षी मानकर
और आज वही गुलाब
अपने फीके पड़े रंगों में
सकुचाया - सा दबा पड़ा है
किताबों के बिच
झर जाने को बेताब
क्यूँकी वह नहीं बन सकता
निशानी हमारे बिछोह की
उसे नामंजूर है 
हमारा एक - दूजे से बिछड़ना
और तुम्हें ?? 

सोमवार, 5 दिसंबर 2016

Bhavishy भविष्य



रात की चादर में 
लिपटा है
चाँद - तारों से बातें 
करता है 
सितारों से
सीखता है गिनतियाँ
बचाता है खुद को
तेज हवाओं से 
ढूंढता है गर्माहट 
अपने हाथों की 
रगड़ में
मुँह से निकलते 
भाँप में
घुटनो को पेट तक
सिकोड़ लेता है
फटे चीथड़ों में 
लिपटा हुआ
मेरे देश का भविष्य 
या कह लो
अँधेरा भविष्य

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2016

sadak सड़क


सफेदपोश पर दाग और सडकों पर गढ्ढे 
अच्छे नहीं लगतें .....
पर हुआ यही था सफ़ेद वस्त्रधारी 
आएं थे हमारे घर में और थमा गए वादों की 
एक लंबी फेहरिश्त सड़क ठीक , पानी सही
मँहगाई कम और ना जाने क्या
क्या- क्या - क्या 
उनके लड्डुओं में मिठास बहुत थी
इसलिए जीता भी दिए गए...
पर सड़क आज भी जस की तस .....
सर्दियों और गर्मियों में ओढा देतें हैं 
ये सडकों पर नकाब 
पर बारिश की पहली ही बूंदों के साथ 
धूल जातें हैं सारे वादें
और भर जाता हैं उन गढ्ढों में पानी
कुछ समझदार लोगों ने
अपने घर और आसपास के 
सडकों की मरम्मत करवा ली है 
ताकि उनके घर आनेवाले मेहमानों के 
सामने उनकी नाक ना कटे
सफदपोशों का क्या.... 
उनके पास तो केवल जीभ ही होती है
जो वोट माँगते वक्त लपालप चलती है
नाक तो होती नहीं...
जो कट जाने का डर हो ....
कुछ दुकानदारों ने 
बेसिर- पैर के वादों का इंतजार ना करते हुवे 
अपने और ग्राहकों की सुविधा को देखते हुवे 
आसपास की सड़कें दुरुस्त करवा ली
इस तरह से कुछ सड़कों को राहत मिली 
पर बची हुई वो बहुत सारी सड़कें 
जिनपर ट्रैफिक जाम भरा पड़ा है
और उसमे फँसे लोग 
गढ्ढों में गिरनेवाले लोग 
अब भी आपको पुकार रहें हैं...
क्योंकि आम जनता ने 
अपने-अपने बजट से अपनी-अपनी सड़क 
तो ठीक कर ली है...
बस अब आपकी बारी का इन्तजार है.. 
बजट तो आपके पास भी हैं ना ????? 

बुधवार, 21 सितंबर 2016

Tiranga desh ki shan hai तिरंगा देश की शान है


गर्व है अभिमान है
तिरंगा देश की शान है
रंग इसका और चमके
पूरे विश्व में ये दमके 
इसके लिए जीना हमें
इसके लिए मर जायेंगे
मादरे वतन की शान में
हम शीश सदा झुकायेंगे
नमन उन सपूतों को 
जो मिट गए पर ना झुके
नमन उन शहीदों को
जो देश की खातिर मिटे
मैं नाम उनका अपने ह्रदय में
स्वर्णिम अक्षरों से लिखती हूँ
फिर हाथ धर अपने ह्रदय पर 
मैं फिर-फिर उनको 
जीवित करती हूँ
जीवित करती हूँ 
उस खून की जवानी को
उनकी जिंदादिली और रवानी को 
यादे संजोये ह्रदय में अपने
मन में लिए नव उमंग और सपने
हमें देश का मान बढ़ाना है 
कदम से कदम मिलाना है 

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