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गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

Tera Roop Mera Rang तेरा रूप मेरा रंग



तू कला मै कविता
तू सोच मै शब्द 
तू कागज मै कलम .......
चलो बनाएँ एक 
ऐसी बोलती तस्वीर ,,,,,
जिसमे रूप तुम्हारा हो
और रंग मेरा ......
जिसमे जिस्म तुम्हारा हो 
और सांसे मेरी .....
जिसमे दिल तुम्हारा हो
और धड़कने मेरी ....
जिसमे आँखे तुम्हारी हो
और सपने मेरे ....
जिसमे होंठ तुम्हारे हो
और मुस्कुराहट मेरी ....
जिसमे भावना तुम्हारी हो और
अहसास मेरे .....
आओ गढ़े एक ऐसा चित्र 
जिसमे तेरा रूप और मेरा रंग
मिलकर बन जाए प्रेम तरंग .....

30 टिप्‍पणियां:

  1. जिसमे तेरा रूप और मेरा रंग
    मिलकर बन जाए प्रेम तरंग ...........बहुत सुन्दर भाव

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  2. ये प्रेम तरंग जीवन में हमेशा खुशियां लाये .......

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (20-12-13) को "पहाड़ों का मौसम" (चर्चा मंच:अंक-1467) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. रिश्तों का सुन्दर मायाजाल जहाँ प्रेम ही प्रेम

    जवाब देंहटाएं


  5. सुंदर रचना
    भावपूर्ण और प्रभावशाली
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर


    जवाब देंहटाएं
  6. वाह ! बहुत ही खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ! अति सुंदर !

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  7. अच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  8. पूरी कविता ही हम-तुम में बसी है -बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति -बधाई !
    नई पोस्ट मेरे सपनों का रामराज्य ( भाग २ )

    जवाब देंहटाएं
  9. आप की इच्छा पूर्ण हो ....शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  10. मैं से जब हम हो जाते हैं तो ऐसे चित्र ... ऐसी मूर्ती अपने आप ही बनने लगती है ...

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