तू कला मै कविता
तू सोच मै शब्द
तू कागज मै कलम .......
चलो बनाएँ एक
ऐसी बोलती तस्वीर ,,,,,
जिसमे रूप तुम्हारा हो
और रंग मेरा ......
जिसमे जिस्म तुम्हारा हो
और सांसे मेरी .....
जिसमे दिल तुम्हारा हो
और धड़कने मेरी ....
जिसमे आँखे तुम्हारी हो
और सपने मेरे ....
जिसमे होंठ तुम्हारे हो
और मुस्कुराहट मेरी ....
जिसमे भावना तुम्हारी हो और
अहसास मेरे .....
आओ गढ़े एक ऐसा चित्र
जिसमे तेरा रूप और मेरा रंग
मिलकर बन जाए प्रेम तरंग .....
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गुरुवार, 19 दिसंबर 2013
Tera Roop Mera Rang तेरा रूप मेरा रंग
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जिसमे तेरा रूप और मेरा रंग
जवाब देंहटाएंमिलकर बन जाए प्रेम तरंग ...........बहुत सुन्दर भाव
बहुत सुन्दर भाव.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंये प्रेम तरंग जीवन में हमेशा खुशियां लाये .......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (20-12-13) को "पहाड़ों का मौसम" (चर्चा मंच:अंक-1467) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्री सर ...
हटाएं:-)
बहुत सुंदर भाव ...
जवाब देंहटाएंwah umda.....pyar say bhari rachna
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...!!.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना....
जवाब देंहटाएंthank you :-)
जवाब देंहटाएंरिश्तों का सुन्दर मायाजाल जहाँ प्रेम ही प्रेम
जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति, ...!
जवाब देंहटाएं====================
RECENT POST -: हम पंछी थे एक डाल के.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
भावपूर्ण और प्रभावशाली
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
वाह ! बहुत ही खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ! अति सुंदर !
जवाब देंहटाएंkhubsurat rachna
जवाब देंहटाएंअच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंपूरी कविता ही हम-तुम में बसी है -बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति -बधाई !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मेरे सपनों का रामराज्य ( भाग २ )
अति सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंआप की इच्छा पूर्ण हो ....शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंwaahhh sundar bhaw ..prem ka sukhad ahsaas :)
जवाब देंहटाएंbahut sundar ..
जवाब देंहटाएंकोमल भावो की
जवाब देंहटाएंबेहतरीन........
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव..
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar rachana maurya ji ...aabhar . Kripaya yahan bhi padharen < ईमानदार को भी अब नकाब चाहिए>
जवाब देंहटाएंमैं से जब हम हो जाते हैं तो ऐसे चित्र ... ऐसी मूर्ती अपने आप ही बनने लगती है ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति
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