सप्ताह के अंत में
होता था तुम्हारा आना …
वो एक शाम
जो गुजारा करते थे
तुम मेरे नाम ......
प्रेम कि उष्णता लिए
होंठो पर ढ़ेर सारी मुस्कान
बिसराकर सारे गम - और - ख़ुशी
हो जाती तुम्हारे प्रेम में
मै पगली गुमसुम गुमनाम.....
पिछले कई सप्ताह से
कर रही हूँ तुम्हारा इंतजार ....
कहाँ खो गए तुम .....
वो प्रेम कि ऊष्मा अब
इंतजार कि ठंड में बदल रही है ....
आँखों के बरसते आंसू अब
इंतजार कि हद बता रहें हैं ....
कहाँ हो तुम
कहाँ चले गए.....
|
poem,poem for children,current article,article about children,hindi poem ,story, short story,hindi quote,short quote,hindi short quote,love quote,hate quote,hindi poem
बुधवार, 11 दिसंबर 2013
Kaha Ho Tum कहाँ हो तुम
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
ब्लॉग में कुछ परिवर्तन कि वजह से गूगल + से और बाकि सारे कमेंट मुझसे डिलीट हो गए है..आप सभी ने अपना अमूल्य समय देकर मेरी रचनाओं को पढ़ा,,और अपनी टिप्प्णियों से सराहा,,और वो सारी टिप्प्णियां मुझसे डिलीट हो गयी...
जवाब देंहटाएंजिसके लिए मै आप सभी से माफी चाहूंगी,,,
बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : रोग निवारण और संगीत
कविता के भाव शानदार हैं |
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति.......
सुंदर !
जवाब देंहटाएंमिलन और जुदाई सिलसिला प्यार का
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता
वो प्रेम कि ऊष्मा अब
जवाब देंहटाएंइंतजार कि ठंड में बदल रही है ....
आँखों के बरसते आंसू अब
इंतजार कि हद बता रहें हैं ....
कहाँ हो तुम
कहाँ चले गए.....
behatarin bhaw sanjoye milan aur bichhoh ke
बहुत सुन्दर भाव की सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट विरोध
new post हाइगा -जानवर
सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंIntsjsr hsi hrr itaana dusht ki prem kee ushma dheere dheere kum kum hoti chali jati hai.
जवाब देंहटाएंsundar rachna .............pyar to aapke paas hi hai bas use aankhe band kar mahsus kijiye ...........
जवाब देंहटाएंउम्दा भाव, उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!!
जवाब देंहटाएं