सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
तेरे गम को भुला दूँ....
ये नहीं कह सकता
हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....
रिश्ते तो बहुत निभाए है तुने
मै अपनी दोस्ती निभाने आया हूँ......
खुबसूरत नजारों की बात नहीं करता मैं
पर मैं अपनी नजरों से तुझे दुनिया दिखने आया हूँ....
शोहरत देने की हैसियत नहीं है मेरी
पर मै तुझे खुशियाँ देने आया हूँ.....
मंजिल तक पहुँचा दूंगा ये नहीं जानता
हाँ पर तेरे - मेरे मंजिल को एक करने आया हूँ.......
आशियाना तो नहीं बना सकता मै
हाँ पर तुझे एक प्यारभरा घर देने आया हूँ.....
रंग कितने ला पाऊंगा
तेरे जीवन में इसका तो पता नहीं
हाँ पर सिंदूरी रंग में तुझे रंगने आया हूँ......
कितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
तेरे दामन में ये खुदा ही जाने
पर मै तेरे दामन को खुशियों से भरने आया हूँ....
झूठे वादे नहीं करता मै
पर मै तुझे अपना बनाने आया हूँ...
सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ...
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मंगलवार, 9 अक्टूबर 2012
Sahara Nahi Sath Dene Aaya Hun सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ..
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