तेज रिमझिम फुहार का आना
बिजली का कड़कडाना
अँधेरी रात में हवाओं का बहना
खिड़की बंद करने में मैं उलझी रहती
धीरे से तुम्हारा कानों में आकर फूंक जाना..
फिर झट से कहीं जाकर छूप जाना...
आह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....
तुम्हें यहाँ - वहाँ ढूंढ़कर परेशान हो जाना
बत्तियाँ जलाना......
तुम्हारा बार- बार आकर बत्तियाँ बुझा जाना...
फिर कहीं से चुपके से आकर..
मेरे कंधे पर हाथ रखकर
फिर झट से कहीं छूप जाना
आह| वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....
मेरा नाराज होना , तुमसे रूठ जाना...
तुम्हारा बातें बनाना , मुझे मनाना
कभी मेरे पसंद का फूल देना....
कभी मेरी पसंद की रसमलाई लाना...
कभी मेरी पसंद के गीत गुनगुनना
तरह - तरह के पैंतरे अपनाना
मुझे मनाना ...
आह| | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....
बढ़िया आदरणीया रीना जी
जवाब देंहटाएंसादर
sundar bhav geet
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंशरारत भरी प्रेममयी कबिता .
जवाब देंहटाएंप्यार भरी ये कविता बहुत अच्छी है..
जवाब देंहटाएंपैंतरे सुहाने - दिल नहीं माने
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया..रीना शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रेम मय आँख मिचौली का खेल
जवाब देंहटाएंlatest postअनुभूति : वर्षा ऋतु
latest दिल के टुकड़े
बहुत सुंदर ......
जवाब देंहटाएंप्रेम में लुका छिफी का अलग ही मजा है,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा है,शुभकामनाये
बहुत सुन्दर रीना जी .........
जवाब देंहटाएंरीना जी ..............बहुत सुन्दर..........
जवाब देंहटाएंखूबसूरत लेखन
जवाब देंहटाएंखूबसूरत ब्लॉग
भावना प्रधान |
OF ART OF LIVING ...............
ए कैसी अदा है आपकी , येही , कि , कुछ होने ही नहीं देते ;
करीब आते भी नहीं , और खुद से जुदा होने भी नहीं देते .
प्रेम की ये लुका छिपी चलती रहे ... जीवन ऐसे ही बीतता रह प्रेम के सहारे ... नेह भरी रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना, चित्र तो बड़ा प्यारा लगाया है !
जवाब देंहटाएंआभार ...
very well written.
जवाब देंहटाएं-vinnie
बहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रेममयी रचना...
जवाब देंहटाएंसचमुच सुहाना!
जवाब देंहटाएंइस लूका छिपी में प्रेम सदा प्रगट रहता है वह नहीं छिपता
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
नेह भरी बहुत प्यारी रचना... ये लुका-छुपी ऐसे ही चलती रहे उम्र भर...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबीते हुए सुहाने दिन एक धरोहर होते हैं, सुंदर भावपूर्ण रचना......
जवाब देंहटाएंप्यार की लूका-छुपी का खेल मौसम के साथ ही अलग अलग रंगों के साथ हमारे सामने आता रहता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
bahut sundar aur pyari rachna..
जवाब देंहटाएंsundar kavita |thanks with regards
जवाब देंहटाएंbahut sundar ----prempurn rachna
जवाब देंहटाएंprem bhari rachna
जवाब देंहटाएंतेज रिमझिम फुहार का आना
जवाब देंहटाएंबिजली का कड़कडाना
अँधेरी रात में हवाओं का बहना
खिड़की बंद करने में मैं उलझी रहती
धीरे से तुम्हारा कानों में आकर फूंक जाना..
फिर झट से कहीं जाकर छूप जाना...
आह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....
प्यार भरी खूबसूरत रचना....रीना जी
जवाब देंहटाएंप्यारी रचना
जवाब देंहटाएंरीना जी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
प्यारी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....
जवाब देंहटाएंप्यारी अभिव्यक्ति...!!
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बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंremember
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