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बुधवार, 24 जुलाई 2013

Luka Chhupi लूका छुपी


तेज रिमझिम फुहार का आना
बिजली का कड़कडाना
अँधेरी रात में हवाओं का बहना
खिड़की बंद करने में मैं उलझी रहती 
धीरे से तुम्हारा कानों में आकर फूंक जाना..
फिर झट से कहीं जाकर छूप जाना...
आह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

तुम्हें यहाँ - वहाँ ढूंढ़कर परेशान हो जाना
बत्तियाँ जलाना......
तुम्हारा बार- बार आकर बत्तियाँ बुझा जाना...
फिर कहीं से चुपके से आकर..
मेरे कंधे पर हाथ रखकर 
फिर झट से कहीं छूप जाना 
आह|  वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

मेरा नाराज होना , तुमसे रूठ जाना...
तुम्हारा बातें बनाना , मुझे मनाना
कभी मेरे पसंद का फूल देना....
कभी मेरी पसंद की रसमलाई लाना...
कभी मेरी पसंद के गीत गुनगुनना 
तरह - तरह के पैंतरे अपनाना 
मुझे मनाना ...
आह| | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

34 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया आदरणीया रीना जी
    सादर

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  2. शरारत भरी प्रेममयी कबिता .

    जवाब देंहटाएं
  3. प्यार भरी ये कविता बहुत अच्छी है..

    जवाब देंहटाएं
  4. पैंतरे सुहाने - दिल नहीं माने

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  5. बहुत बढिया..रीना शुभकामनाएं..

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रेम में लुका छिफी का अलग ही मजा है,

    बहुत सुंदर लिखा है,शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  7. रीना जी ..............बहुत सुन्दर..........

    जवाब देंहटाएं
  8. खूबसूरत लेखन
    खूबसूरत ब्लॉग
    भावना प्रधान |
    OF ART OF LIVING ...............
    ए कैसी अदा है आपकी , येही , कि , कुछ होने ही नहीं देते ;
    करीब आते भी नहीं , और खुद से जुदा होने भी नहीं देते .

    जवाब देंहटाएं
  9. प्रेम की ये लुका छिपी चलती रहे ... जीवन ऐसे ही बीतता रह प्रेम के सहारे ... नेह भरी रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर रचना, चित्र तो बड़ा प्यारा लगाया है !
    आभार ...

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर प्रेममयी रचना...

    जवाब देंहटाएं
  12. इस लूका छिपी में प्रेम सदा प्रगट रहता है वह नहीं छिपता
    बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं
  13. नेह भरी बहुत प्यारी रचना... ये लुका-छुपी ऐसे ही चलती रहे उम्र भर...शुभकामनायें

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  14. बीते हुए सुहाने दिन एक धरोहर होते हैं, सुंदर भावपूर्ण रचना......

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  15. प्यार की लूका-छुपी का खेल मौसम के साथ ही अलग अलग रंगों के साथ हमारे सामने आता रहता है ...
    बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  16. तेज रिमझिम फुहार का आना
    बिजली का कड़कडाना
    अँधेरी रात में हवाओं का बहना
    खिड़की बंद करने में मैं उलझी रहती
    धीरे से तुम्हारा कानों में आकर फूंक जाना..
    फिर झट से कहीं जाकर छूप जाना...
    आह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

    जवाब देंहटाएं
  17. प्यार भरी खूबसूरत रचना....रीना जी

    जवाब देंहटाएं
  18. प्यारी रचना

    रीना जी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  19. आह | वो लूका छुपी का खेल कीतना सुहाना....

    प्यारी अभिव्यक्ति...!!

    मैं 'माँ ' विषय पर एक संग्रह निकाल रही हूँ ... अगर आप काव्य संग्रह में शामिल होना चाहते हैं तो ' माँ ' विषय पर अपनी दो रचनायें संक्षिप्त परिचय और तस्वीर भेज दें .... रचनायें स्वीकृत होने के बाद आपको प्रकाशन में आने वाले खर्च की सहयोग राशि का कुछ अंश जमा करवाना पडेगा बदले में आपको पुस्तक की दो प्रतियाँ भेट की जायेंगी . विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें ....

    जवाब देंहटाएं

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