जब अकेली थी तो तुमने साथ दिया
जब उदास हुई तो तुमने हसाया....
जब उलझती दुनिया के सवालो में
तुम्हारे जवाब में खुद को निर्दोष पाया.....
मन के अंतर्द्वन्द्व की राहों में जब भी भटकती
तुम्हारी ही बातो ने मुझे राह दिखाया....
जब कभी लडखडाती मुझे संभालते वो हाथ
तुम्हारे ही तो थे.......
जब चाहा खुद को हवा में उछाल देना,
पानी में बहा देना,
माटी में मिला देना...
मुझे रोकते -टोकते वो बाहों के घेरे बनाये
तुम ही तो खड़े थे...
जब कभी "नहीं " को सोचती
तो उसे "हाँ " करने की जद्दोजहद में तुम ही तो थे ...
खता हो गई जो तुम्हारी कृपा दृष्टी को प्यार समझ बैठी
ध्यान नहीं रखा और रिश्तो में मिलावट कर बैठी ......
पाकर खोना अब यह मुमकीन नहीं
दूर होना अब यह मुमकीन नहीं
तुम्हारा साथ, वो मीठा अहसास
इनके बिना जीना अब ये मुमकीन नहीं ....
आसान नहीं तुम्हारे बिन जीना .
एक अहसान कर दो तुम साथ हो यही कह भर दो ........
प्यार कभी दूर नहीं जाता...........
जवाब देंहटाएंशिद्दत से पुकारो...
सुन्दर भाव....
beautiful !
जवाब देंहटाएंRegards
दूर होना अब यह मुमकीन नहीं
जवाब देंहटाएंतुम्हारा साथ, वो मीठा अहसास
.. ....कई रंगों को समेटे एक खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
तुम्हारा साथ, वो मीठा अहसास
जवाब देंहटाएंइनके बिना जीना अब ये मुमकीन नहीं ....
आसान नहीं तुम्हारे बिन जीना .
एक अहसान कर दो तुम साथ हो यही कह भर दो ........
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,भावपूर्ण सार्थक सुंदर रचना,...
रीना जी,आपने तो पोस्ट में आना ही छोड़ दिया,
जबकि मै आपका नियमित पाठक हूँ,...
RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...
तेरे हर लम्हे को अपने वजूद से चिपकाये
जवाब देंहटाएंमैं कतरा-कतरा जी रहा हूँ
कुछ कहने की बात पर, कहें तो क्या
मैं हरदम तुझमे बिखर रहा हूँ....
आपने यकीनन बहुत सुन्दर भाव के साथ लिखा है...
तो उसे "हाँ " करने की जद्दोजहद में तुम ही तो थे ...
जवाब देंहटाएंखता हो गई जो तुम्हारी कृपा दृष्टी को प्यार समझ बैठी
ध्यान नहीं रखा और रिश्तो में मिलावट कर बैठी ......
wah reena ji bahut hi sundar rachana ...badhai
मन के सुंदर भावों का संकलन।
जवाब देंहटाएंप्यार बदलता नहीं , उसके रूप बदलते हैं , किसी भी रूप में प्रेम तो है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव !
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंकोमल अहसास को परिभाषित करने में सफल रचना बहुत सुन्दर |
जवाब देंहटाएंअपनों का अहसास ...जीवन में एक खुशगवार झोंके का महसूस
जवाब देंहटाएंहोना होता है ...
शुभकामनाएँ!
जब हर मुकाम पे उनका साथ है तो इस हाँ की क्या जरूरत है की उनका साथ है ... वो तो बिन्बोले ही है ...
जवाब देंहटाएंगहरा अपने पन का एहसास लिए ..
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंपाकर खोना अब यह मुमकीन नहीं
जवाब देंहटाएंदूर होना अब यह मुमकीन नहीं
तुम्हारा साथ, वो मीठा अहसास
इनके बिना जीना अब ये मुमकीन नहीं ....
khoobsoorat lines..nice written reena ji..keep it up
niceeeee :)
जवाब देंहटाएंप्यार के कई रूप होते है. ये हम पर निर्भर करता है कि हम उसे किस अर्थ में स्वीकार करते है.
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना.
एक अहसान कर दो तुम साथ हो यही कह भर दो ........
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति !
pYar pYar Pyar.......
जवाब देंहटाएंKya baat hai , ,,,,,,reena jiiiii
wahhhhhhhhhh
पाकर खोना अब यह मुमकीन नहीं
जवाब देंहटाएंदूर होना अब यह मुमकीन नहीं
तुम्हारा साथ, वो मीठा अहसास
इनके बिना जीना अब ये मुमकीन नहीं ....
सुंदर समर्पण भाव.
कौन किस पर एहसान करता है
ये सवाल - परेशान करता है.
सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंखुबसूरत ज़ज्बात
जवाब देंहटाएंएक सकारात्मक सोच लिए सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...... बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंमीठा अनुरोध, मीठी कविता!
जवाब देंहटाएंbahot pyari.....
जवाब देंहटाएंtouchy
जवाब देंहटाएंखुबसूरत भाव..सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
आसान नहीं तुम्हारे बिन जीना .
जवाब देंहटाएंएक अहसान कर दो तुम साथ हो यही कह भर दो .
कभी - कभी इस तरह के शब्दों से ही जीने का आधार मिल जाता है। बहुत डूबकर लिखा है आपने। बधाई!
sarthak post .aabhar ...मिशन लन्दन ओलंपिक हॉकी गोल्ड
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आसान नहीं तुम्हारे बिन जीना
एक अहसान कर दो
तुम साथ हो यही कह भर दो ........
बहुत भावपूर्ण लिखा आपने !
आदरणीया रीना जी !
मेरा मन कहता है… किसी का किसी के साथ यह जुड़ाव कृपा दृष्टि नहीं , बल्कि प्यार के कारण ही होता है … … …
हार्दिक मंगलकामनाओं सहित…
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंsunder
जवाब देंहटाएंखुबसूरत ज़ज्बात... सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंअद्भुत रचना है...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत सुन्दर भाव ----------बधाई
जवाब देंहटाएंप्यार में उठी सहज कामना को सुन्दर शब्द दिया है ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता...
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