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बुधवार, 30 मई 2012

Maa Tere Anchal Me Mera Sansar Samaya Hai माँ तेरे आँचल में मेरा संसार समाया है ...






माँ तेरे आँचल में मेरा संसार समाया है 

माँ आँचल फैलाकर भगवान से 
मेरे जन्म की कामना करती थी  
शायद इसलिए मै आई हूँ 
माँ अपने आँचल में ढेरो प्यार समेटकर 
मुझपर लुटाया करती है .....

मेरे जीवन के हर पड़ाव में 
माँ ने साथ निभाया है 
माँ तेरे आँचल में मेरा संसार समाया है.......

पहला कदम जब शुरू किया मैंने 
नन्हे कदमों से जब चलती 
गिरती और फिर रोने लगती
माँ की आँखे नम हो जाती .........
दुआ में फिर वो आँचल फैलाती ..........

पढ़ना -लिखना शुरू किया तब
मै पहले ,,, पर माँ देर से सोती 
मुझसे जादा मेरी शिक्षा में
माँ ही उलझी रहती  
मेरे उज्जवल भविष्य की 
नींव वो मजबूत करती
माँ भगवान से मन्नते माँगती ........
दुआ में फिर वो आँचल फैलाती .........

जीवन के युवावस्था का पड़ाव जब आया 
भटके न कदम मेरे
और
मेरे भविष्य की चिंता ने 
माँ को रात - रातभर जगाया 
संस्कारो से मुझे सींचा माँ ने 
नियमित जीवन का पाठ पढ़ाती
सूरज बन चमकूँ मैं
फूलों की तरह महकूँ  मैं.......
दुआ में वो फिर आँचल फैलाती .........

कितने ही आशिर्वाद और दुआएँ 
बटोरी है माँ ने अपने आँचल में 
और देती है मुझे रोज 
मेरे हर कार्य की सफलता में 
इसलिए तो कहती हूँ 
माँ तेरे आँचल में मेरा संसार समाया है.......









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