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शनिवार, 17 सितंबर 2011

Tum तुम

१) मुझे देखकर मुस्कुराती हो 
    मुझे देखकर नजरे चुराती हो 
   क्या बात है जो तुम मुझे नहीं बताती हो 
  कैसे अपने दिल का हाल अकेले ही सह पाती हो 
  मै होता तो कह देता 
 जो तुम मुझसे छुपाती हो 


२) आज कल तुम मुझसे नाराज दिखती हो 
चेहरे से थोडा उदास दिखती हो 
अपने दिल की बात मुझे बताती नहीं 
क्या तुम अभी भी मुझे गैर समझती हो 

रविवार, 11 सितंबर 2011

Mujhe Maaf Karana मुझे माफ़ करना

 मुझे माफ़ करना 
कविता लिखने तो बैठी थी 
पर कुछ याद नहीं आया 
कोई शब्द नहीं मिला 
कुछ जज्बात भी नहीं आया

 मुझे माफ़ करना 
आज उदास है मेरा मन 
कुछ शब्दों की कमी 
और झिलमिलाते ये मेरे नयन 

मुझे माफ़ करना 
आज कुछ कह नहीं पाऊँगी 
समझ सकते हो तो 
पड़ लो मेरी ख़ामोशी 
क्यूंकि आज मै कुछ लिख नहीं पाऊँगी

मुझे माफ़ करना 
आज भावना कुछ बड़ी है 
कहने को तो बहुत कुछ कहना है
पर शब्दों की कमी है.
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