मुझे माफ़ करना
कविता लिखने तो बैठी थी
पर कुछ याद नहीं आया
कोई शब्द नहीं मिला
कुछ जज्बात भी नहीं आया
मुझे माफ़ करना
आज उदास है मेरा मन
कुछ शब्दों की कमी
और झिलमिलाते ये मेरे नयन
मुझे माफ़ करना
आज कुछ कह नहीं पाऊँगी
समझ सकते हो तो
पड़ लो मेरी ख़ामोशी
क्यूंकि आज मै कुछ लिख नहीं पाऊँगी
मुझे माफ़ करना
आज भावना कुछ बड़ी है
कहने को तो बहुत कुछ कहना है
पर शब्दों की कमी है.
अच्छी रचना...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |
जवाब देंहटाएंफुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |
आपका बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbahut hi acchi kavita hai
जवाब देंहटाएंआज भावना कुछ बड़ी है
जवाब देंहटाएंकहने को तो बहुत कुछ कहना है
पर शब्दों की कमी है. janha bhavana bad jaye sabad apne arth khne lagate hai bahut hi sunder anter man ke vytha ki prastuti