पहली मुलाक़ात की वो घडी बड़ी अजीब थी
संध्या की बेला थी, कुछ महफिले भी तंग थी
छोटे से घर में दो अंजानो की पहली मुलाक़ात थी
चांदनी को आगोश में लिए रात भी रोशन थी
सहमे थे दोनों , चेहरे पर सहमी हुई हल्की मुस्कान थी
कुछ सवाल थे , कुछ जवाब थे
पहचाने से सवाल थे , अनजाने से जवाब थे
कुछ बाते भूल गए ,
कुछ बाते दिल को भा गए
जो बाते भूल गयी वो बीत गयी
जो बाते भा गयी वो अगली मुलाक़ात के बहाने दे गयी...
इंतज़ार नयी मुलाक़ात का ,,,,,,,,,,,,,,,
Hindi poetry, First date poem, first date poetry, pehli mulakat shayari, pehli mulakat, pehli mulakat poem, pehli mulakat poetry, pehli mulakat songs, hindi poem on pehli mulakat, hindi poetry pahala pyaar, hindi poetry on first meeting. pahala pahala pyaar,first time dating,hindi poem.
Hindi poetry, First date poem, first date poetry, pehli mulakat shayari, pehli mulakat, pehli mulakat poem, pehli mulakat poetry, pehli mulakat songs, hindi poem on pehli mulakat, hindi poetry pahala pyaar, hindi poetry on first meeting. pahala pahala pyaar,first time dating,hindi poem.
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
जवाब देंहटाएंbahut hi kamaal hai
जवाब देंहटाएंvery nice
bahut hi sundar kavita hai
जवाब देंहटाएंSunder Bhav...
जवाब देंहटाएं