खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
दी सदायें मोहब्बत की बहुत
पर उसने माफ़ी ना दी....
दी दलीले बहुत खता की
पर उसने सजा ही दी....
रूठ बैठे है वे जालिम
छोटी सी बात पर.......
और कहते रहे सभी से
की हमने वफ़ा ना की....
कब तक मनाएगी रीना
उस रूठे मोहब्बत को......
जिसे तेरे दर्द - ए - दिल की
धड़कन भी सुनाई ना दी.....
खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
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शनिवार, 20 अक्तूबर 2012
Ruthe Huve Ho Kyun रूठे हुवे हो क्यूँ...
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bahut sundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ,रीना जी
जवाब देंहटाएंखता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
दी सदायें मोहब्बत की बहुत
पर उसने माफ़ी ना दी.....
सुंदर प्रस्तुति रीना जी ..
जवाब देंहटाएंbahut badhiya ji
जवाब देंहटाएंतुम्हारी नज़र क्यों खफा हो गई
जवाब देंहटाएंखता बक्श दो गर खता हो गई .... बहुत अच्छा लिखा है रीना !
वाह: बहुत खुबसूरत...
जवाब देंहटाएं.. सुन्दर प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें। आभार !!!
आपकी ये पोस्ट पढ़ के मुझे अदनान सामी जी का एक गाना याद आ गया
....बिन तुम्हारे मेरा दिल लगे है कहीं ना
दूर जाके तुमसे मुझे ना जीना
मेरे दिल को यूँ ना तोड़ो
रूठे हुवे हो क्यों
मिलके जुदा हो क्यूँ
कुछ कहो कुछ सुनो
ऐसे बैठे हो क्यों ....
खता कुछ कर गई मैं
जवाब देंहटाएंपर वफ़ा भी कम ना की....
दी सदायें मोहब्बत की बहुत
पर उसने माफ़ी ना दी....
जहाँ प्यार बे इन्तहां हो अक्सर वहां ऐसा हो जाता है .बस यही प्यार है
thank you sir.....
जवाब देंहटाएं:-)
बहुत अच्छी कविता |आभार
जवाब देंहटाएंअर्रे मान जायेंगे....
जवाब देंहटाएंतुझ सी वफ़ा और तेरी मोहब्बत और कहाँ पायेंगे...
:-)
सस्नेह
अनु
जिसे तेरे दर्द - ए - दिल की
जवाब देंहटाएंधड़कन भी सुनाई ना दी.....
खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....बेहतरीन रचना,,,,,
RECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम
खता कुछ कर गई मैं
जवाब देंहटाएंपर वफ़ा भी कम ना की....
दी सदायें मोहब्बत की बहुत
पर उसने माफ़ी ना दी........बेहतरीन रचना,,,
RECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम
बहुत प्यारी रचना | बहुत खूब |
जवाब देंहटाएं"खता कुछ कर गई मैं
जवाब देंहटाएंपर वफ़ा भी कम ना की...."
लाजवाब कहें या वाह कहें...!पर दोनों ही इस रचना के लिए बने है...|
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंक्या कहने
भावपूर्ण पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.आभार.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड
यहाँ रीत है ज़िक्रे ज़फ़ा की ...
जवाब देंहटाएंआप बात करती हैं वफ़ा की ???
खुश रहें!
bahut sundar abhivyakti
जवाब देंहटाएंreena ji aapko yahan http://bloggers-word.blogspot.in joda gaya hai, kripya padharein.
जवाब देंहटाएंभावनाएं निःशब्द होकर भी शब्द ढूंढ लेती हैं।
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंbahut sundar prastuti,"khataye khoobshurat hogyee gr,khooshboo bn bikhrti hai....a'खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
बहुत प्यारी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रीना जी.........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और प्यारी सी पोस्ट।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंखता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
दी सदायें मोहब्बत की बहुत
पर उसने माफ़ी ना दी....
दी दलीले बहुत खता की
पर उसने सजा ही दी....
रूठ बैठे है वे जालिम
छोटी सी बात पर.......
और कहते रहे सभी से
की हमने वफ़ा ना की....
कब तक मनाएगी रीना
उस रूठे मोहब्बत को......
जिसे तेरे दर्द - ए - दिल की
धड़कन भी सुनाई ना दी.....
खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
बहुत सुन्दर लिखा है
रीना बेटे जी .बधाई (दलीलें ,रूठे बैठें हैं वो जालिम )आपकी गेस्ट पोस्ट पर द्रुत टिपण्णी के लिए आपका आभार .
बहुत प्यारी....
जवाब देंहटाएंखता...वफ़ा..मोहब्बत..माफ़ी..दलील..सजा.......
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना, शानदार गीत के साथ।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत सी रचना और गीत भी |
जवाब देंहटाएंKhoobsoorat !! :) Likjte rahiye yun hi...
जवाब देंहटाएंउत्तम रचना दशहरे पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआशा
bhavpoorn abhivyakti..
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंखता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
हर बार की कोशिश आपको हँसाने की
पर क्यूँ ना आई कोई कला रूठे को मनाने की
post
चार दिन ज़िन्दगी के ..........
बस यूँ ही चलते जाना है !!
bahut acche tarike se kah apne dil ki bat....bahut khoob ...
जवाब देंहटाएंदी सदायें मोहब्बत की बहुत
जवाब देंहटाएंपर उसने माफ़ी ना दी....
दी दलीले बहुत खता की
पर उसने सजा ही दी....
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
खता कुछ कर गई मैं
जवाब देंहटाएंपर वफ़ा भी कम ना की....
तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.