मै रहूँ ना रहूँ तुम्हारी जिंदगी में
मेरा वजूद तुम संभाले रखना ....
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना
कभी - कभी मुझे यादकर मुस्कुराते रहना ....
जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
मेरे अहसासों को गांठ बांधकर
अपने सीने से लगाए रखना .......
पर कभी मुझे खुद से जुदा न करना ......
जब सब मिले मुझसे महफ़िल - ए - आम में सनम
तुम चुपके से कभी मेरी तनहाइयों से तो मिलना
जब सब डाले मेरे अंत शरीर पर फूल सनम ,,,,
सबके जाने के बाद तुम दो बूंद
आँसू जरुर बहाना....
मुझे अपनी यादों में सजाना
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
मै रहूँ ना रहूँ तुम्हारी जिंदगी में
मेरा वजूद तुम संभाले रखना
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना .....
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
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रविवार, 28 अक्तूबर 2012
Mera Wajud Tum Sambhale Rakhana ** मेरा वजूद तुम संभाले रखना **
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बेहतरीन उम्दा प्रस्तुति रीना जी वाह क्या बात है...
जवाब देंहटाएंइच्छाओं की सुंदर अभिव्यक्ति!!
जवाब देंहटाएंपर अभी से ऐसी बातें...नो...नेवरः)
सस्नेह
बहुत सुन्दर रचना रीना....
जवाब देंहटाएंमगर जाने के बाद की बात क्यूँ...
यूँ ही सम्हाले रखेगा वो दिल में..जिंदगी में...
सस्नेह
अनु
सुंदर भाव..... सात जन्मों से अधिक का अहद कर लिया.
जवाब देंहटाएंजरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
जवाब देंहटाएंमेरे अहसासों को गांठ बांधकर
अपने सीने से लगाए रखना .......
यही अहसास उन्हें सात नहीं जन्मों - जन्मों तक बाँध कर रखेंगे... बहुत सुन्दर लिखा है रीना
बहुत अच्छी रचना , मन को छू गयी ......पर ऐसा ना सोचा करे
जवाब देंहटाएं@ उपासना जी
जवाब देंहटाएं@ अनु दी
@ संध्या दी
@ ऋता शेखर 'मधु' जी
ये कविता तो बस ऐसे ही मन में आ गयी तो ब्लॉग पर लिख दिया..
:-) :-) :-) :-) :-) :-):-) :-) :-) :-) :-) :-):-) :-) :-) :-) :-) :-)
बस यह अहसास ही बहुत है जीने के लिए ...... सुन्दर...अंत:स का सच
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंदीपावली पर ब्लाबग के लिये वालपेपर
जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
जवाब देंहटाएंमेरे अहसासों को गांठ बांधकर
अपने सीने से लगाए रखना .......
...बहुत खूब! अंतस को छूती भावमय रचना...बहूत सुन्दर..
अंतर्मन की आवाज़..सुन्दर रचना.. रीना..शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत कोमल भावनाएँ आपकी लेखनी से निःसृत होकर जैसे कविता का आकार पा गई हैं । रचना बताती है कि आपके पास कोमल अहसासों का कितना सुंदर संसार है। मुझे आपके भावों के साथ एकाकार होकर बहुत खुशी हुई।
जवाब देंहटाएंजी धन्यवाद....
हटाएं:-)
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना
जवाब देंहटाएंकभी - कभी मुझे यादकर मुस्कुराते रहना ....
जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
मेरे अहसासों को गांठ बांधकर
अपने सीने से लगाए रखना .
खुबसूरत एहसास
बेहद खूबसूरत भाव
जवाब देंहटाएंमन के कोमल संवेदनशील भाव
जवाब देंहटाएंकोमल भावनाओं की सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंअपनत्व निभाना ... वजूद को संभालना ...
जवाब देंहटाएंवाह
बहुत सुन्दर लगी पोस्ट।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत कविता
जवाब देंहटाएंसादर
सबके जाने के बाद तुम दो बूंद
जवाब देंहटाएंआँसू जरुर बहाना....
मुझे अपनी यादों में सजाना
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
बहुत खूब .लेकिन हम जिनसे इतना प्रेम करते हैं ,वो इतना नही कर पाते.
nih sandeh achi hai perantu mujhe esa pratit hua - adhik bhav purn bane ke priyas kiya gaya hai - jis mai burayi nhi hai parantu dikhna nhi chahiye
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रीना जी, हृदय स्पर्शी रचना !
जवाब देंहटाएंमन की भावनाओं की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति,,,बधाई रीना जी,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST LINK...: खता,,,
man ke komal ehsason ko sunder shabd diye hain. sada pyar karne wala man yahi fariyad karta hai.
जवाब देंहटाएंजब सब मिले मुझसे महफ़िल - ए - आम में सनम
जवाब देंहटाएंतुम चुपके से कभी मेरी तनहाइयों से तो मिलना
जब सब डाले मेरे अंत शरीर पर फूल सनम ,,,,
सबके जाने के बाद तुम दो बूंद
आँसू जरुर बहाना....
.बहुत सुन्दर रचना ...प्रेम विजयी हो ...चाहत ख्वाहिश गजब की ..... जय श्री राधे
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति .
behataree prastuti,marmsparshi
जवाब देंहटाएंऐसा ना सोचा करे रीना जी
जवाब देंहटाएंइस कविता के भाव, लय और अर्थ काफ़ी पसंद आए। बिल्कुल नए अंदाज़ में आपने एक भावपूरित रचना लिखी है !!!
उत्कृष्ट रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना |
जवाब देंहटाएंजरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
जवाब देंहटाएंसही कहा है एक जनम भी प्यारसे निभा दे तो बहुत है !
इस में छुपे भाव तो देखिये कितने स्पष्ट और कोमल हैं ... भावों को शब्दों में गढ़ना एक कला होती हैं जो आपमें कूट कूट कर भरी है।
जवाब देंहटाएंउम्दा ...निशब्द पोस्ट,
बधाई स्वीकार करें।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।
धन्यवाद !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
गज़ब है गज़ब।
जवाब देंहटाएंरीना जी बहुत सुन्दर कविता |आभार
जवाब देंहटाएंयह कविता अपनी भावभूमि पर स्पष्ट रूप से उभरी है।
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