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रविवार, 28 अक्तूबर 2012

Mera Wajud Tum Sambhale Rakhana ** मेरा वजूद तुम संभाले रखना **


मै रहूँ ना रहूँ तुम्हारी जिंदगी में 
मेरा वजूद तुम संभाले रखना ....
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना
कभी - कभी मुझे यादकर मुस्कुराते रहना ....
जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
मेरे अहसासों को गांठ बांधकर 
अपने सीने से लगाए रखना .......
पर कभी मुझे खुद से जुदा न करना ......
जब सब मिले मुझसे महफ़िल - ए - आम में सनम
तुम चुपके से कभी मेरी तनहाइयों से तो मिलना
जब सब डाले मेरे अंत शरीर पर फूल सनम ,,,,
सबके जाने के बाद तुम दो बूंद 
आँसू जरुर बहाना....
मुझे अपनी यादों में सजाना 
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
मै रहूँ ना रहूँ तुम्हारी जिंदगी में 
मेरा वजूद तुम संभाले रखना
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना .....
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
*********************************************


38 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन उम्दा प्रस्तुति रीना जी वाह क्या बात है...

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  2. इच्छाओं की सुंदर अभिव्यक्ति!!
    पर अभी से ऐसी बातें...नो...नेवरः)
    सस्नेह

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  3. बहुत सुन्दर रचना रीना....
    मगर जाने के बाद की बात क्यूँ...
    यूँ ही सम्हाले रखेगा वो दिल में..जिंदगी में...

    सस्नेह
    अनु

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  4. सुंदर भाव..... सात जन्मों से अधिक का अहद कर लिया.

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  5. जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
    मेरे अहसासों को गांठ बांधकर
    अपने सीने से लगाए रखना .......
    यही अहसास उन्हें सात नहीं जन्मों - जन्मों तक बाँध कर रखेंगे... बहुत सुन्दर लिखा है रीना

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  6. बहुत अच्छी रचना , मन को छू गयी ......पर ऐसा ना सोचा करे

    जवाब देंहटाएं
  7. @ उपासना जी
    @ अनु दी
    @ संध्या दी
    @ ऋता शेखर 'मधु' जी

    ये कविता तो बस ऐसे ही मन में आ गयी तो ब्लॉग पर लिख दिया..
    :-) :-) :-) :-) :-) :-):-) :-) :-) :-) :-) :-):-) :-) :-) :-) :-) :-)

    जवाब देंहटाएं
  8. बस यह अहसास ही बहुत है जीने के लिए ...... सुन्दर...अंत:स का सच

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  9. जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
    मेरे अहसासों को गांठ बांधकर
    अपने सीने से लगाए रखना .......

    ...बहुत खूब! अंतस को छूती भावमय रचना...बहूत सुन्दर..

    जवाब देंहटाएं
  10. अंतर्मन की आवाज़..सुन्दर रचना.. रीना..शुभकामनाएं

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  11. बहुत कोमल भावनाएँ आपकी लेखनी से निःसृत होकर जैसे कविता का आकार पा गई हैं । रचना बताती है कि आपके पास कोमल अहसासों का कितना सुंदर संसार है। मुझे आपके भावों के साथ एकाकार होकर बहुत खुशी हुई।

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  12. मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना
    कभी - कभी मुझे यादकर मुस्कुराते रहना ....
    जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
    मेरे अहसासों को गांठ बांधकर
    अपने सीने से लगाए रखना .

    खुबसूरत एहसास

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  13. अपनत्व निभाना ... वजूद को संभालना ...
    वाह

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  14. सबके जाने के बाद तुम दो बूंद
    आँसू जरुर बहाना....
    मुझे अपनी यादों में सजाना
    पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....

    बहुत खूब .लेकिन हम जिनसे इतना प्रेम करते हैं ,वो इतना नही कर पाते.

    जवाब देंहटाएं
  15. nih sandeh achi hai perantu mujhe esa pratit hua - adhik bhav purn bane ke priyas kiya gaya hai - jis mai burayi nhi hai parantu dikhna nhi chahiye

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुन्दर रीना जी, हृदय स्पर्शी रचना !

    जवाब देंहटाएं
  17. मन की भावनाओं की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति,,,बधाई रीना जी,,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

    जवाब देंहटाएं
  18. जब सब मिले मुझसे महफ़िल - ए - आम में सनम
    तुम चुपके से कभी मेरी तनहाइयों से तो मिलना
    जब सब डाले मेरे अंत शरीर पर फूल सनम ,,,,
    सबके जाने के बाद तुम दो बूंद
    आँसू जरुर बहाना....
    .बहुत सुन्दर रचना ...प्रेम विजयी हो ...चाहत ख्वाहिश गजब की ..... जय श्री राधे
    भ्रमर ५
    भ्रमर का दर्द और दर्पण

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  19. पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
    बेह्तरीन अभिव्यक्ति .

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  20. ऐसा ना सोचा करे रीना जी
    इस कविता के भाव, लय और अर्थ काफ़ी पसंद आए। बिल्कुल नए अंदाज़ में आपने एक भावपूरित रचना लिखी है !!!

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  21. जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
    सही कहा है एक जनम भी प्यारसे निभा दे तो बहुत है !

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  22. इस में छुपे भाव तो देखिये कितने स्पष्ट और कोमल हैं ... भावों को शब्दों में गढ़ना एक कला होती हैं जो आपमें कूट कूट कर भरी है।
    उम्दा ...निशब्द पोस्ट,
    बधाई स्वीकार करें।


    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।
    धन्यवाद !!

    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html

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  23. बहुत खूब...
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  24. यह कविता अपनी भावभूमि पर स्पष्ट रूप से उभरी है।

    जवाब देंहटाएं

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