गर्व है अभिमान है
तिरंगा देश की शान है
रंग इसका और चमके
पूरे विश्व में ये दमके
इसके लिए जीना हमें
इसके लिए मर जायेंगे
मादरे वतन की शान में
हम शीश सदा झुकायेंगे
नमन उन सपूतों को
जो मिट गए पर ना झुके
नमन उन शहीदों को
जो देश की खातिर मिटे
मैं नाम उनका अपने ह्रदय में
स्वर्णिम अक्षरों से लिखती हूँ
फिर हाथ धर अपने ह्रदय पर
मैं फिर-फिर उनको
जीवित करती हूँ
जीवित करती हूँ
उस खून की जवानी को
उनकी जिंदादिली और रवानी को
यादे संजोये ह्रदय में अपने
मन में लिए नव उमंग और सपने
हमें देश का मान बढ़ाना है
कदम से कदम मिलाना है
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 22-09-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2473 में दी जाएगी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
मेरी रचना को चर्चा-मंच पर स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार...
हटाएंहमें देश का मान बढ़ाना है
जवाब देंहटाएंकदम से कदम मिलाना है
धन्यवाद राकेश जी
हटाएंबहुत बढ़िया लिखा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत अपनी सी लगी कविता ...
जवाब देंहटाएंतिरंगा देश की आन बान शान है ... जय तिरंगा ....
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