कैसा बाँवरा था वो कविताओं का इतना शौक रखता था नाम रीना है मेरा कविता बना दिया उसने... प्रेम बसाये आँखों में जब भी देखती हूँ उसे समझाना कुछ और चाहती हूँ पर देखो बाँवरे ने क्या समझा छोटी सी आँखों में मेरे झील और समुंदर भरकर कविता बना दिया उसने..... जब भी उससे कुछ कहती हूँ सुनता नहीं वो शब्द मेरे खुलते -बंद होते ..... होंठो को देखा गुलाब की पंखुड़ियों का नाम देकर कविता बना दिया उसने.... सोचा चूड़ियाँ झनकाऊं बिंदिया चमकाऊं थोड़ा उनका मन बहकाऊं बाँवरे ने मुझको ही बहका दिया चूड़ियों की झंकार सूनी सुना ना मेरे दिल की धड़कन बिंदिया को चंदा -सूरज की उपमा दे दी और मुझको कविता बना दिया उसने.. उस नादान की नादानी से उदास जब हो जाती हूँ बंधे केशुवों को खोलकर उदास चेहरा जब छुपाती हूँ काली घटा ,बादल , रेशम जाने क्या - क्या नाम देकर मेरे केशुवों पर कविता बना दिया उसने.. मुझे कविता बना दिया उसने... मुझे कविता बना दिया उसने... |
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गुरुवार, 21 जून 2012
Mujhe Kavita Bana Diya Usane मुझे कविता बना दीया उसने
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वाह ... बहुत बढि़या अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ...
जवाब देंहटाएंछोटी सी आँखों में मेरे
जवाब देंहटाएंझील और समुंदर भरकर
कविता बना दिया उसने.....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
उसके लिए आप कविता का ही रूप होंगी ...सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवो कहीं खुद ही कवि तो नहीं :-)
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंकोमल भाव लिए रचना.
उपमाओं के मायाजाल में बाँध कर बना दी गयी कविता...
जवाब देंहटाएंअब कविता सी कोमल हृदया के मनोभावों को शब्द शब्द पढ़ा भी जाए, तब होगी सार्थकता:)
सुन्दर अभिव्यक्ति!
अच्छी रचना है .हाँ कविता सा भाव प्रवाह होना नारी का नारीपन है तारल्य है .तभी तो वह कविता बन सरिता सा बहने लगती है भाव उर्मियों पे हो सवार .
जवाब देंहटाएंवाह अतिसुन्दर भावव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव है रीना.....
जवाब देंहटाएंमन भा गयी कविता.....
अनु
खुबसूरत भावनाओ की प्यारी सी कविता....
जवाब देंहटाएंपर देखो बाँवरे ने क्या समझा
जवाब देंहटाएंछोटी सी आँखों में मेरे
झील और समुंदर भरकर
कविता बना दिया उसने.....
बहुत ही दिलचस्प पोस्ट ......
सुंदर भाव ...!!सुंदर प्रस्तुति ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसादर
बेहद खूबसूरत शब्दों से रची रचना ....वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंbahut sundar Reena ji ...badhaai....
जवाब देंहटाएंक्या से क्या बना दिया....कविता बना दिया...वाह क्य़ा बात है.कवि को सलाम
जवाब देंहटाएंप्यार में कितने ही कवि स्वयं कविता बन गए हैं!
जवाब देंहटाएंउस नादान की नादानी से
जवाब देंहटाएंउदास जब हो जाती हूँ
बंधे केशुवों को खोलकर
उदास चेहरा जब छुपाती हूँ
काली घटा ,बादल , रेशम
जाने क्या - क्या नाम देकर
मेरे केशुवों पर कविता बना दिया उसने..
मन के उठते भावों की सुंदर प्रस्तुति
MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...
बहुत सुन्दर भावप्रणव रचना!
जवाब देंहटाएंप्यार का बावरापन - अद्वितीय
जवाब देंहटाएंमन -मोहित कर दिया इस बाबरे मन ने ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
अद्भुत भावमयी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंकैसा प्रतीत होता है कविता बन कर?
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
गुलाब की पंखुड़ियों का नाम देकर
जवाब देंहटाएंकविता बना दिया उसने....
सोचा चूड़ियाँ झनकाऊं
बिंदिया चमकाऊं
वाह...बहुत सार्थक रचना..शब्द शब्द बाँध लेता है ...बधाई स्वीकारें !!
नाम रीना है मेरा .... बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंआँखों से सरिता बना गया,
जवाब देंहटाएंगगन में सविता बना गया
वो कौन है न जानूँ मैं
भावों की कविता बना गया ||
बहुत खूब......
कल 24/06/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
धन्यवाद यशवंत जी...
हटाएंउदास जब हो जाती हूँ
जवाब देंहटाएंबंधे केशुवों को खोलकर
उदास चेहरा जब छुपाती हूँ
काली घटा ,बादल , रेशम
जाने क्या - क्या नाम देकर
मेरे केशुवों पर कविता बना दिया उसने..
मुझे कविता बना दिया उसने...
मुझे कविता बना दिया उसने...
भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...
हार्दिक बधाई...
मनमोहक रचना ...
जवाब देंहटाएंप्रकृति और पुरुष ,नारी और पुरुष का नैसर्गिक आकर्षण तारल्य पैदा करता है .प्रेम व्यक्ति को तरल और सरल बनाए रहता है मुग्धा भाव लिए .
जवाब देंहटाएंजाने क्या - क्या नाम देकर
जवाब देंहटाएंमेरे केशुवों पर कविता बना दिया उसने..
मुझे कविता बना दिया उसने...
शब्द शब्द दिल को छू रहे हैं. सुंदर मनमोहनी प्रस्तुति.
उदास जब हो जाती हूँ
जवाब देंहटाएंबंधे केशुवों को खोलकर
उदास चेहरा जब छुपाती हूँ
काली घटा ,बादल , रेशम
जाने क्या - क्या नाम देकर
मेरे केशुवों पर कविता बना दिया उसने..
प्रेम और निष्ठां का अद्भुत संगम
और बन गई एक खूबसूरत सी कविता |
जवाब देंहटाएंसुन्दर मनमोहक रचना......फूल बरसाती आपकी पोस्ट - वाह !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना..:-)
जवाब देंहटाएंगुलाब की पंखुड़ियों का नाम देकर
जवाब देंहटाएंकविता बना दिया उसने....
सोचा चूड़ियाँ झनकाऊं
बिंदिया चमकाऊं
बहुत ही सुन्दर
बहुत बेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
(बस यूँ ही कुछ शब्द आये मन में....
जवाब देंहटाएंऔर ये कविता बन गई..
:-)
ये इतना छोटा क्यों लिखा है ;) खैर, बहुत ही सुन्दर कविता बनी है ये तो :)
gajab ...khubsurati se likha gaya ..dil ko chhu gaya :)
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