होंठो की खामोशी ने पलकों के
भीतर आँखों के कोर में
एक बूंद इश्क बना दिया .....
आँखों को ठंडक देते उस
एक बूंद इश्क ने सब कुछ
धुंधला सा कर दिया .....
उस धुंधलपन को साफ करने के लिए
जैसे ही पलकें झपकाई ...
वो एक बूंद इश्क आँखों से बहकर
गालों पर से ढुलकते हुए
धीरे से ना जाने कहाँ खो गया.......
जहाँ से वो एक बूंद इश्क गुजरा
वहां अब सिर्फ एक गीलेपन की रेखा है
कुछ वक्त में वो भी सुख जाएगी...
फिर उदास चेहरे ......
बुझे मन....
ठंडी आँखोंवाले चेहरे पर रह जाएगी
एक दिखावटी मुस्कान.....
अपने अपनों के लिए....
और मन में एक आस...
प्रेमसागर को पाने की... |
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शनिवार, 22 दिसंबर 2012
Ek Boond Ishq एक बूंद इश्क
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prem ke dard ko bharna aasan nahi hai............bahut hi pyari rachna
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति .......
जवाब देंहटाएंthank you sir:-)
जवाब देंहटाएंखूबसूरत जज्बातों की अभिव्यक्ति , यूं ही लिखती रहे बधाई
जवाब देंहटाएं"एक बूंद इश्क" - गजब
जवाब देंहटाएंअश्क आँखों में, जुबां पे एक कहानी दे गया
जवाब देंहटाएंमुख़्तसर यह है वो मेरी जिंदगानी ले गया ....दिल को छू गई आपके अश्कों की दास्ताँ.
वाह...
हटाएं:-)
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
हृदय की तीस दर्शाती ...सुंदर अभिव्यक्ति ....शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंवाह,,,इश्क और वो भी एक बूँद,,,सुंदर सृजन,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : समाधान समस्याओं का,
एक बूंद इश्क आँखों से बहकर गालों पर से ढुलकते हुए भी प्रेमसागर की आस दे गया ... सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंइश्क की एक बूँद स्नेह की हजारों बूंदों से बनती है..ये बहुत कम लोग जान पाते हैं. सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंइश्क की बूद को तो पाने को उसी प्रकार इन्तजार करना पडतत है जैसे चकोर बरसात का
जवाब देंहटाएंफिर उदास चेहरे ......
जवाब देंहटाएंबुझे मन....
ठंडी आँखोंवाले चेहरे पर रह जाएगी
एक दिखावटी मुस्कान.....
अपने अपनों के लिए....
और मन में एक आस...
प्रेमसागर को पाने की...
जीवन जीने की उत्कट अभिलाषा
प्रेम का एक कतरा भी जीवन की आस बनता है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति.
खूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदर्द की अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्रेम करुणा के रूप में बहता हुवा ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब अभिव्यक्ति ...
एक बूंद इश्क का !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, सुंदर भाव !
वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंइक बूंद इश्क .. इसके अतिरिक्त भी अन्य भावपूर्ण शब्दों का युग्म .. सचमुच नई कविता क्रांति का युग है, कविताओं में छुपे गूढार्थों को महसूसना.
जवाब देंहटाएंआरंभ : चोर ले मोटरा उतियइल
बहुत भावपूर्ण प्रभावी रचना..
जवाब देंहटाएंbahut hi behtreen lagi yah rachna ....aapki reena ji
जवाब देंहटाएंBahut umda aur sarthak Rachna ....
जवाब देंहटाएंhttp://ehsaasmere.blogspot.in/
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट आपका आमंत्रण है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंsache pyar ke ehsas ki eh bund hi kafi hoti hai. or ye bund hi ishq ke sagar me mil jati hai or mil jati hai nayi raah.
जवाब देंहटाएंmeri nayi past isi raah ko batati hai
मिली नई राह !!
मन में यदि आर्द्रता हो तो बाहर का सूरज भी गरमी देता नहीं दिखता है।
जवाब देंहटाएंbahut sundar avm prabhavshali rachana ...abhar reena ji
जवाब देंहटाएं"क्या गुजरी है,ये ना बताएँगे कभी..बस इतना जान लीजिए कि दो-बूँद,घर करके बैठे हैं पलकों पर"
जवाब देंहटाएंउम्दा रचना...बहुत खूब..|
और वो एक बूंद ह्रदय की वेदना बन कर गाल तक आती है तो कविता बन जाती है
जवाब देंहटाएंरीना जी आपको नव वर्ष की बहुत सारी शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...बधाई।।।
जवाब देंहटाएंठंडी आँखोंवाले चेहरे पर रह जाएगी
जवाब देंहटाएंएक दिखावटी मुस्कान.....
अपने अपनों के लिए....
और मन में एक आस...
प्रेमसागर को पाने की...
सुंदर प्रस्तुति।।।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।।।
सार्थक पोस्ट
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की बहुत सारी शुभकामनायें.
वहां अब सिर्फ एक गीलेपन की रेखा है
जवाब देंहटाएंकुछ वक्त में वो भी सुख जाएगी...सूख जाएगी
फिर उदास चेहरे ......
बुझे मन....
सुन्दरम ! मनोहरम।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलेखनी का जवाब नहीं ...
जवाब देंहटाएंआपकी इस रचना को हमारा हरयाणा ब्लॉग पर साँझा किया गया है
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर
http://bloggersofharyana.blogspot.in