जीवन की कई बातें
कुछ अपनी , कुछ दुनिया की
कुछ पूरी , कुछ अधूरी
ये सारी बातें मेरी डायरी में बंद
जो ना कह पाती हूँ किसी से
वो कहती हूँ सिर्फ तुमसे
मेरी डायरी,,,
मेरे जीवन का राज हो तुम
छुपाकर रखना अपनी आगोश में
मेरे जज्बात को
मेरी पीर को मेरे भाव को
कहीं कोई देख ना ले तुम्हें
जान ना जाए की मै क्या हूँ
हँसती तो हूँ पर आँखों में सैलाब लिए
होंठो पर मुस्कान है
पर दर्दभरी जुबान है
मैं हूँ एक खामोश लहर
जो उठना चाहती हूँ ऊँचा
ऊँचा और ऊँचा
इक्षाओं की गठरी बांध के
ख्वाइशों को थैले में भर के
सौंप दिया है तुम्हें
जरा संभल के रहना
कभी किसी के हाँथ ना आना
कोई मनचला ना देख ले तुझको
खोजते - खोजते ना पा जाए मुझको
खेले मेरी पीर के साथ
भावनाओं की हँसी उड़ाए
तब क्या होगा जब मेरी
खामोश भावनाएँ
उसके शोर में गुम हो जाएगी
ना - ना - ना
ऐसा नहीं होना चाहिए
मेरी डायरी,,,
तुम मुझे भर लो खुद में
तुम मुझे भर लो खुद में
और आओ मैं तुम्हें
छुपा दूँ कहीं ।।।।
मेरी डायरी
जवाब देंहटाएंमेरे जीवन का राज हो तुम
छुपाकर रखना अपनी आगोश में
मेरे जज्बात को
.....................................................
हर किसी के मन में ऐसी ही एक डायरी होती है
संजीदा....मन की अमिट डायरी
दर्द भरी जुबान की खामोश डायरी.
वाह बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, सुन्दरता से परिपूर्ण
जवाब देंहटाएंभावनाओं की हंसी नहीं उड़नी चाहिए...उसे सहेज कर रखना ही उचित है...सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंकहीं कोई देख ना ले तुम्हें
जवाब देंहटाएंजान ना जाए की मै क्या हूँ
हँसती तो हूँ पर आँखों में सैलाब लिए
होंठो पर मुस्कान है
पर दर्दभरी जुबान है
अक्सर लोग अपने दर्द को यूं ही छुपाते हैं और चेहरे पर मुस्कान लाते हैं ... भायुक्त रचना
इक्षाओं की गठरी बांध के
जवाब देंहटाएंख्वाइशों को थैले में भर के
सौंप दिया है तुम्हें
जरा संभल के रहना
कभी किसी के हाँथ ना आना
कोई मनचला ना देख ले तुझको
खोजते - खोजते ना पा जाए मुझको
खेले मेरी पीर के साथ
बहुत गहरी पंक्तियाँ मन की डायरी में तो अनगिनत अफ़साने कैद होते हैं किसी के पा जाने का खतरा नहीं होता ---बहुत अच्छी प्रस्तुति
मेरे जीवन का राज हो तुम
जवाब देंहटाएंछुपाकर रखना अपनी आगोश में
मेरे जज्बात को
मेरी पीर को मेरे भाव को
कहीं कोई देख ना ले तुम्हें
जान ना जाए की मै क्या हूँ
रहिमन निज मन की व्यथा मन ही राखो गोय
आपने सुन्दर माध्यम चुना . सुन्दर अति सुन्दर .
डायरी एक सार्थक मित्र है
जवाब देंहटाएंहोंठो पर मुस्कान है
जवाब देंहटाएंपर दर्दभरी जुबान है
मैं हूँ एक खामोश लहर
जो उठना चाहती हूँ ऊँचा
ऊँचा और ऊँचा ....वाह: बहुत सुन्दर..रीना..
अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सफल रचना | लो बातें तो डायरी से हो रही थी पर आज ये राज़ हमने भी जान लिया :) सुन्दर रचना |
जवाब देंहटाएंनहीं-नहीं सच में मेरा राज नहीं है
हटाएंकाल्पनिक मात्र है...
:-)
:-) हम नहीं मानते...
हटाएंअनु
सच में अनु दी ....
हटाएं:-)
bahut achchhi rachna ....
जवाब देंहटाएंsach kahoon to dayari hi sachchhi dost hoti hai ....
जवाब देंहटाएंजरा संभल के रहना
कभी किसी के हाँथ ना आना
कोई मनचला ना देख ले तुझको
...
... पसंद आया सीधे दिल पर उतर गयी पंक्तियाँ...
बहुत सुंदर
बहुत ही खूबसूरत कविता |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब |
जवाब देंहटाएंआपने बड़ी सहजता से अपने मनोभावों को इन पंक्तियों में संजोया हैं,सच में डायरी लिखना कभी ना खत्म होने वाला एक सुखद एहसास है|
आभार |
आभार...
हटाएंwelcome 2 my blog...
:-)
तभी तो कहते हैं मत पढ़ना किसी की डायरी...जाने कौन से भ्रम टूट जाए....
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना रीना
सस्नेह
अनु
ऐसी ही बातें तो मैं भी लिखता था अपनी डायरी में। इसका मतलब सभी यही सब लिखते हैं एक उम्र में।
जवाब देंहटाएं...... शायद......
हटाएं:-) :-) :-) :-) :-) :-) :-):-)
वाह बहुत ही सुन्दर.
जवाब देंहटाएंमैं और मेरी डायरी ... तन्हाई में कुछ बातें करते हैं ...
जवाब देंहटाएंदेखो किसी को मिल न जाना ... बहुत खूब ... इअको लिखने का मज़ा कुछ और ही है ...
और ये ही डायरी ...जीवन का आधार बन जाती हैं
जवाब देंहटाएंaapki comment mujhe milte rhte hain aapka bahut bahut shukriya.........facebook ke liye apna link bheje ya mere is link pr click kre http://www.facebook.com/pk.sharma.5661
जवाब देंहटाएंशर्मा जी...
हटाएंमैंने सिर्फ फेसबुक पेज बनायीं हूँ
:-)
बहुत सुन्दर रीना जी... सच में देखा जाए तो अपनी डायरी में हम अपने वास्तविक रूप में छिपे होते हैं जिसे हम दुनिया की नज़रों से छिपा कर रखना चाहते हैं.
जवाब देंहटाएंजीवन की कई बातें
जवाब देंहटाएंकुछ अपनी , कुछ दुनिया की
कुछ पूरी , कुछ अधूरी
ये सारी बातें मेरी डायरी में बंद
जो ना कह पाती हूँ किसी से
वो कहती हूँ सिर्फ तुमसे
मेरी डायरी,,,
बहुत ही सुंदर रचना |
मेरी नई पोस्ट में आपका स्वागत है |
मेरा काव्य-पिटारा:बुलाया करो
खुबसूरत एहसास .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें!
डायरी को दूसरे लोग चोरी छुपे पढ़ना चाहते हैं,जबकि मर्यादा उसकी गोपनीयता के बने रहने में ही है।
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्दों में पिरोये जज़्बात .....
जवाब देंहटाएंइक्षाओं की गठरी बांध के
जवाब देंहटाएंख्वाइशों को थैले में भर के
सौंप दिया है तुम्हें
...बहुत कोमल अहसास...सुन्दर भावपूर्ण रचना..
धन्यवाद यशवंत जी...
जवाब देंहटाएं:-)
इच्छओं की गठरी बांध के
जवाब देंहटाएंख्वाइशों को थैले में भर के
सौंप दिया है तुम्हें
जरा संभल के रहना
बहुत की नाजुक मनुहार, क्या कहने, वाह !!!!!!!!!!
An open secret,and dairy is made accountable! Not fair! :-)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावाव्यक्ति ,बधाई
जवाब देंहटाएंडायरी पर एक अच्छी कविता
जवाब देंहटाएंबहुत ही कोमल भावनावों को आपने सहेजा है अपनी डायरी में , बहुत सुंदर रीना जी |
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही बढिया ।
जवाब देंहटाएं