सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
तेरे गम को भुला दूँ....
ये नहीं कह सकता
हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....
रिश्ते तो बहुत निभाए है तुने
मै अपनी दोस्ती निभाने आया हूँ......
खुबसूरत नजारों की बात नहीं करता मैं
पर मैं अपनी नजरों से तुझे दुनिया दिखने आया हूँ....
शोहरत देने की हैसियत नहीं है मेरी
पर मै तुझे खुशियाँ देने आया हूँ.....
मंजिल तक पहुँचा दूंगा ये नहीं जानता
हाँ पर तेरे - मेरे मंजिल को एक करने आया हूँ.......
आशियाना तो नहीं बना सकता मै
हाँ पर तुझे एक प्यारभरा घर देने आया हूँ.....
रंग कितने ला पाऊंगा
तेरे जीवन में इसका तो पता नहीं
हाँ पर सिंदूरी रंग में तुझे रंगने आया हूँ......
कितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
तेरे दामन में ये खुदा ही जाने
पर मै तेरे दामन को खुशियों से भरने आया हूँ....
झूठे वादे नहीं करता मै
पर मै तुझे अपना बनाने आया हूँ...
सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ...
|
poem,poem for children,current article,article about children,hindi poem ,story, short story,hindi quote,short quote,hindi short quote,love quote,hate quote,hindi poem
मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012
Sahara Nahi Sath Dene Aaya Hun सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ..
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
जवाब देंहटाएंतेरे दामन में ये खुदा ही जाने.....
-------------------------
वाह जी वाह
क्या खूब लिखा आपने ...
बधाई
सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
जवाब देंहटाएंतेरे गम को भुला दूँ....
ये नहीं कह सकता
हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....
क्या बात है ......
ये साथ बना रहे .....:))
एक-एक पंक्तियाँ गहरे जज्बात लिए हुई...सीधे दिल तक पहुँच बनाती है...वाह..! बहुत ही उम्दा रचना |
जवाब देंहटाएंबहुत गहरी बात ...उम्दा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव संजोए ..खुबसूरत रचना..
जवाब देंहटाएंBahut Hi Sunder....
जवाब देंहटाएंवाह....
जवाब देंहटाएंअच्छा किये जो आये.....
जवाब देंहटाएंकभी न लौट जाने के लिए तो आये हो न???
सुन्दर सुन्दर !!!!!
सस्नेह
अनु
ब्लॉग पे नियमित नहीं हूँ..अपनी हाजिरी आपके ब्लॉग पे भी नगण्य होती है... आपकी भावनाए ओत प्रोत कर देती है ....... हमें इनसे सरोबार करते रहिये...आपकी टिप्पणी हौसला देती है..अन्य रचनाओ का रस्वादन करेंगे...आशा है...बहुत धन्यवाद्...!!!
जवाब देंहटाएंदिल के जज्बात लिए हुए दिल तक पहुँचती बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,,रीना जी बधाई,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: तेरी फितरत के लोग,
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंगहन और सान्त्वनापूर्ण भाव अभिव्यक्त करती.
साथ देना ही अहम बात है ... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंरीना जी वाह क्या बात है ये मन के अन्दर से निकला है वाह
जवाब देंहटाएंशब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति
वाह क्या बात है जी वाह वाह बेहतरीन उम्दा रचना, ये पंक्तियाँ तो लाजवाब हैं
जवाब देंहटाएंकितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
तेरे दामन में ये खुदा ही जाने
पर मै तेरे दामन को खुशियों से भरने आया हूँ....!!!
वाह बहुत बहुत बहुत सुन्दर रचना .....दो पंक्ति मेरी तरफ से .....
जवाब देंहटाएंकसमे , वादों की सौगात देख मैं साथ लाया हूँ |
तू कर यकीं मुझपे तुझे साथ ले जाने आया हूँ |
बहुत सुन्दर..
हटाएं:-)
शुक्रिया रीना जी आपकी प्रस्तुति हमसे बहुत बेहतर |
हटाएंशोहरत देने की हैसियत नहीं है मेरी
जवाब देंहटाएंपर मै तुझे खुशियाँ देने आया हूँ.....
बस यही छोटी छोटी खुशियाँ ही तो जीवन का खजाना होती हैं... बहुत सुन्दर भाव!
इस भावपूर्ण रचना के लिए ढेरों बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
thank u sir ji...
हटाएं:-)
थैंक यू आंटी जी...
जवाब देंहटाएं:-) :-)
बहुत स्वाभाविक और प्रभावी !
जवाब देंहटाएंसरस भाव लिए उम्दा रचना ।
जवाब देंहटाएंwaah ......
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat rachna....
बहुत ही सुन्दर और प्यारे भाव...
जवाब देंहटाएंऔर हाँ!ये हिंदी में लिखने वाली यंत्रिका लगाने के लिए आभार!
कुंवर जी,
अगर यह साथ मिलता रहे तो किसी सहारे की ज़रूरत ही क्यों पड़े?
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना |
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट:- ओ कलम !!
बहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्यारी कविता.
जवाब देंहटाएंBehtareen
जवाब देंहटाएंमन को छु गयी ये प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंझूठे वादे नहीं करता मै
पर मै तुझे अपना बनाने आया हूँ...
सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ...
वह जी क्या बात हैं।
लाजवाब . बधाई स्वीकारे
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html
besk bahut khooshoorat prastuti सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
जवाब देंहटाएंतेरे गम को भुला दूँ....
ये नहीं कह सकता
हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....