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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

Sahara Nahi Sath Dene Aaya Hun सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ..


सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
तेरे गम को भुला दूँ....
ये नहीं कह सकता
हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....

रिश्ते तो बहुत निभाए है तुने
मै अपनी दोस्ती निभाने आया हूँ......

खुबसूरत नजारों की  बात नहीं करता मैं 
पर मैं अपनी नजरों से तुझे दुनिया दिखने आया हूँ....

शोहरत देने की हैसियत नहीं है मेरी
पर मै तुझे खुशियाँ देने आया हूँ.....

मंजिल तक पहुँचा दूंगा ये नहीं जानता 
हाँ पर तेरे - मेरे मंजिल को एक करने आया हूँ.......

आशियाना तो नहीं बना सकता मै
हाँ पर तुझे एक प्यारभरा घर देने आया हूँ.....

रंग कितने ला पाऊंगा
तेरे जीवन में इसका तो पता नहीं
हाँ पर सिंदूरी रंग में तुझे रंगने आया हूँ......

कितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
तेरे दामन में ये खुदा ही जाने
पर मै तेरे दामन को खुशियों से भरने आया हूँ....

झूठे वादे नहीं करता मै
पर मै तुझे अपना बनाने आया हूँ...
सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ...

35 टिप्‍पणियां:

  1. कितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
    तेरे दामन में ये खुदा ही जाने.....
    -------------------------
    वाह जी वाह
    क्या खूब लिखा आपने ...
    बधाई

    जवाब देंहटाएं
  2. सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
    तेरे गम को भुला दूँ....
    ये नहीं कह सकता
    हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....

    क्या बात है ......
    ये साथ बना रहे .....:))

    जवाब देंहटाएं
  3. एक-एक पंक्तियाँ गहरे जज्बात लिए हुई...सीधे दिल तक पहुँच बनाती है...वाह..! बहुत ही उम्दा रचना |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर भाव संजोए ..खुबसूरत रचना..

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छा किये जो आये.....
    कभी न लौट जाने के लिए तो आये हो न???

    सुन्दर सुन्दर !!!!!

    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  6. ब्लॉग पे नियमित नहीं हूँ..अपनी हाजिरी आपके ब्लॉग पे भी नगण्य होती है... आपकी भावनाए ओत प्रोत कर देती है ....... हमें इनसे सरोबार करते रहिये...आपकी टिप्पणी हौसला देती है..अन्य रचनाओ का रस्वादन करेंगे...आशा है...बहुत धन्यवाद्...!!!

    जवाब देंहटाएं
  7. दिल के जज्बात लिए हुए दिल तक पहुँचती बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,,रीना जी बधाई,,,,,

    RECENT POST: तेरी फितरत के लोग,

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति.
    गहन और सान्त्वनापूर्ण भाव अभिव्यक्त करती.

    जवाब देंहटाएं
  9. रीना जी वाह क्या बात है ये मन के अन्दर से निकला है वाह

    जवाब देंहटाएं
  10. शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन....बहुत खूब
    बेह्तरीन अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह क्या बात है जी वाह वाह बेहतरीन उम्दा रचना, ये पंक्तियाँ तो लाजवाब हैं
    कितने चाँद -तारे सजा पाउँगा
    तेरे दामन में ये खुदा ही जाने
    पर मै तेरे दामन को खुशियों से भरने आया हूँ....!!!

    जवाब देंहटाएं
  12. वाह बहुत बहुत बहुत सुन्दर रचना .....दो पंक्ति मेरी तरफ से .....
    कसमे , वादों की सौगात देख मैं साथ लाया हूँ |
    तू कर यकीं मुझपे तुझे साथ ले जाने आया हूँ |

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  13. शोहरत देने की हैसियत नहीं है मेरी
    पर मै तुझे खुशियाँ देने आया हूँ.....
    बस यही छोटी छोटी खुशियाँ ही तो जीवन का खजाना होती हैं... बहुत सुन्दर भाव!

    जवाब देंहटाएं
  14. इस भावपूर्ण रचना के लिए ढेरों बधाई स्वीकारें

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत ही सुन्दर और प्यारे भाव...
    और हाँ!ये हिंदी में लिखने वाली यंत्रिका लगाने के लिए आभार!
    कुंवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  16. अगर यह साथ मिलता रहे तो किसी सहारे की ज़रूरत ही क्यों पड़े?

    जवाब देंहटाएं
  17. मन को छु गयी ये प्रस्तुती

    झूठे वादे नहीं करता मै
    पर मै तुझे अपना बनाने आया हूँ...
    सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ...

    वह जी क्या बात हैं।
    लाजवाब . बधाई स्वीकारे

    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html

    जवाब देंहटाएं
  18. besk bahut khooshoorat prastuti सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....
    तेरे गम को भुला दूँ....
    ये नहीं कह सकता
    हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....

    जवाब देंहटाएं

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