गुलाब पाने की चाहत में
आँख बंद कर चल दिए
और न जाने कितने काँटों से चोट खायी ..
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जब जाना ही था
तो क्यों आए थे मेरी जिंदगी में
माना की तनहा थे हम पर
खुश थे , क्यों जगाये थे वो प्यार के अहसास,
क्यों दिलाया वो अहसास की मै भी करती हूँ तुमसे प्यार ..
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नजदीकिया इतनी न बढाओ
की हर बात अब शिकायत सी लगे ..
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कभी सोचा ना था की यू खो जाएगी जिंदगी
किसी के इंतजार में , कभी सोचा न था की यू
बदल जाएगी जिंदगी किसी के प्यार में ...
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तुमसे मिलने के बाद ये अहसास आया
कितने अकेले थे हम ये ख्याल आया
अब जिंदगी तेरे साये में यू ही बीत जाये
बरसो की तन्हाई का अब अंत हो जाए ....
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जिंदगी में उसकी तलाश आखिर कब तक
जो नहीं मिल सकता उसका इंतजार आखिर कब तक ....
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चली जाती हूँ ये शिकायत है उन्हें
पर ये नहीं सोचते की ,आ भी तो जाती हूँ
सिर्फ एक बार बुलाने पर ,तो शिकायत किस बात की...
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बहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएंसादर
bahut sunder rachna ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंसभी प्यारी सी रचनाएँ...
नजदीकिया इतनी न बढाओ
जवाब देंहटाएंकी हर बात अब शिकायत सी लगे ..
नायब पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंतहे दिल से लिखी गयी कविता ..
धन्यवाद
मुकेश गिरी गोस्वामी
दिल की गहराईयों से लिखी पंक्तियां।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
जवाब देंहटाएंBeautiful as always.
जवाब देंहटाएंIt is pleasure reading your poems....Reena ji
thanks sanjay sir..
हटाएंबहुत सुन्दर झलकियाँ है सुन्दर रचनाये बधाई
जवाब देंहटाएंआपकी भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति के साथ 'बालिका वधु'
जवाब देंहटाएंका गाना सुनना बहुत अच्छा लगा.
प्रस्तुति के लिए आभार,रीना जी.
कोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंजिंदगी में उसकी तलाश आखिर कब तक
जवाब देंहटाएंजो नहीं मिल सकता उसका इंतजार आखिर कब तक ......
बहुत हीं सुन्दर क्षणिकाएं......
जिंदगी में उसकी तलाश आखिर कब तक
जवाब देंहटाएंजो नहीं मिल सकता उसका इंतजार आखिर कब तक ....
वाह बहुत खूबसूरत से अहसास... सुन्दर रचना...
जिंदगी में उसकी तलाश आखिर कब तक
जवाब देंहटाएंजो नहीं मिल सकता उसका इंतजार आखिर कब तक ....
Behtreen Kshnikayen...
सुन्दर अनुभूतियो से भरी क्षनिकाए ! बधाई जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....अगर हो सके तो अपनी टाइपिंग की गलतियों को सुधारे ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...
जवाब देंहटाएं"गुलाब पाने की चाहत में
जवाब देंहटाएंआँख बंद कर चल दिए
और न जाने कितने काँटों से चोट खायी" ..
अनुभवी ...गहरे भाव ..वाह!!!
सुंदर भाव में लिखी क्षणिकाओ के लिए रीना जी बहुत२ बधाई..
जवाब देंहटाएंNEW POST...काव्यांजलि...आज के नेता...
NEW POST...फुहार...हुस्न की बात...
बहुत सुन्दर अनेक बधाई .
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लाग ज़रूरत पर आपका स्वागत है
नजदीकिया इतनी न बढाओ
जवाब देंहटाएंकी हर बात अब शिकायत सी लगे ..
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BAHUT HI SUNDAR REENA JI ...POORI RACHANA HI LAJABAB HAI ....SADAR BADHAI.
जिंदगी में उसकी तलाश आखिर कब तक
जवाब देंहटाएंजो नहीं मिल सकता उसका इंतजार आखिर कब तक
बहुत खूब.
अति उत्तम क्षणिकाये,सराहनीय प्रस्तुति,सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंNEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
प्रेमरस में डूबी क्षणिकाएं..
जवाब देंहटाएंहर क्षण कीमती..
किसे छोड़ें किसे अपनाएं।
bahut hi sundar bhav
जवाब देंहटाएंजब जाना ही था
जवाब देंहटाएंतो क्यों आए थे मेरी जिंदगी में
माना की तनहा थे हम पर
खुश थे , क्यों जगाये थे वो प्यार के अहसास,
क्यों दिलाया वो अहसास की मै भी करती हूँ तुमसे प्यार ..
बहुत ही भावमयी मन को स्पर्श करती पंक्तियाँ।
बहुत सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर क्षणिकाएं ....
जवाब देंहटाएंखूबसूरत क्षणिकाएं रीना जी..
जवाब देंहटाएंबधाई.
बहुत सुंदर संवेदनशील भाव समेटे हैं
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग पर आकार मेरे भतीजे दक्ष को जन्मदिन पर शुभकामनाएं और बधाई दी उसके लिए आभार
" सवाई सिंह "
बहुत सुंदर भाव| होली की शुभ कामनाएं|
जवाब देंहटाएंनजदीकिया इतनी न बढाओ
जवाब देंहटाएंकी हर बात अब शिकायत सी लगे ..wah.....ekdam theek ......
नजदीकिया इतनी न बढाओ
जवाब देंहटाएंकी हर बात अब शिकायत सी लगे ..
सुन्दर भाव कणिकाएं एहसास को जगाती सी दुलारती सी .
ati sundar....atisundar....atisundar.....vaah
जवाब देंहटाएंsari kshanikayen shandar hain.
अति सुंदर भाव की क्षणिकाए,..अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंNEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
NAJDIKIYA ETNINA ,BAHUT SUNDER
जवाब देंहटाएंसुन्दर क्षणिकाएं |होली की शुभकामनायें रीना जी |
जवाब देंहटाएंसभी बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण लिखी है आपने !
जवाब देंहटाएंउम्दा क्षणिकाएं !
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा !
जवाब देंहटाएंनजदीकिया इतनी न बढाओ
जवाब देंहटाएंकी हर बात अब शिकायत सी लगे ..
बहुत अच्छी समझाईश देती खूबसूरत रचना .....
चली जाती हूँ ये शिकायत है उन्हें
जवाब देंहटाएंपर ये नहीं सोचते की ,आ भी तो जाती हूँ
सिर्फ एक बार बुलाने पर ,तो शिकायत किस बात की.
अति सुन्दर रचना ..
हर क्षणिका अपने आप में एक कहानी लिए है..
होली की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंनजदीकिया इतनी न बढ़ाओ------
जवाब देंहटाएंसुन्दर पंक्ति सुन्दर रचना |
होली पर हार्दिक शुभकामनाएं |
आशा
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंरीना जी,..बहुत खूब सुंदर रचना,..
जवाब देंहटाएंNEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
चली जाती हूँ ये शिकायत है उन्हें
जवाब देंहटाएंपर ये नहीं सोचते की ,आ भी तो जाती हूँ
सिर्फ एक बार बुलाने पर ,तो शिकायत किस बात की...
wah kya kahne hain..:)
holi ki shubhkamnayen...!