लेकिन तेरे रूप अनेक ......
जन्म लिया जब बेटी बनकर
किलकारी से किया घर को गुंजन
मधुर पाजेब कि झंकार से
पुरे घर में करती तू झम-झम
बनी किसी कि जब तू दुल्हन
रोशन करती उसका घर-आँगन
घर में आई धर लक्ष्मी रूप
पवित्रता तेरी माँ तुलसी रूप
नारी तू है मूरत एक
लेकिन तेरे रूप अनेक ......
आई जब तू ममत्व धरा पर
अाँचल में अमृत रस भर
ह्रदय में लिए प्रेम अपार
करती तू बच्चों का जीवन साकार
और भी हैं तेरे कितने रूप
तू हरदम सहती छाँव और धूप
मिलता जब भी स्नेह तुम्हें
महकती बन तू कोमल फूल
नजर पड़े जो अस्मत पर तेरे
तू बन जाती कठोर शूल
नारी तू है मूरत एक
लेकिन तेरे रूप अनेक ....
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आई जब तू ममत्व धरा पर
अाँचल में अमृत रस भर
ह्रदय में लिए प्रेम अपार
करती तू बच्चों का जीवन साकार
वाह वाऽह…!
आदरणीया रीना मौर्य जी
नारी का हर रूप वंदनीय है...
अच्छा लिखा आपने...
सुंदर कविता !
मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंनारी का हर रूप संघर्ष और प्रेम से संचित है .........सुन्दर रचना ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया मैम !
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुंदर रचना'
जवाब देंहटाएंधन्यवाद .....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद .....
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंनारी के सब रूपों में सबसे सुंदर है उसका ममता बरा रूप।
जवाब देंहटाएंनारी चाहे किसी रूप में क्यों न हो पूजनीय है उसका त्याग, शक्ति अतुलनीय है , सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावाभिव्यक्ति....नारी के विभिन्न रूपों और भावों का खूबसूरत चित्रण.... हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ...!
जवाब देंहटाएंमातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
RECENT POST आम बस तुम आम हो
नारी हर रूप में सहज है .. पूर्ण है ..
जवाब देंहटाएंदिल को छूते हैं आपके भाव ... सुन्दर रचना है ...
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंsahi baat kahi aapne ....bahut sundar rachna
जवाब देंहटाएंnari tere roop anek....
जवाब देंहटाएं.
.bahut sunder prastuti..
bahut sunder prastuti.....
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सार्थक रचना और उम्दा प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@आप की जब थी जरुरत आपने धोखा दिया (नई ऑडियो रिकार्डिंग)
नारी तू है मूरत एक
जवाब देंहटाएंलेकिन तेरे रूप अनेक ...बहुत खूब
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ...!
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
राज चौहान
http://rajkumarchuhan.blogspot.in
नारी के हर रूप का सम्मान करो। नहीं तो एक दिन तुम माँ बहन पत्नी बेटी ..... के लिए तरस जाओगें।
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