श्री रामसुरत मौर्य..
(ये मेरे बडे पापा हैं...विज्ञान के शिक्षक हैं पर हिंदी विषय में भी रुची रखते हैं...उनकी लिखी कविता ,,,,)
१) सर्वोदय मेरा विद्यालय , भरा हुआ सदभावो से
इसमे अच्छी शिक्षा मिलती , गुरुजन जी के राहो से
मार्ग प्रदर्शन कर देते हैं , गुरुजन जी ऐसा निष्कंटक
दबा हुआ पौधा फिर बढकर , हो जाता हैं पूर्ण प्रगती पर
फल देता वह इतना अच्छां , गुरुजन जी भी जिसको पाकर
नाम अमर कर लेते हैं वें , जीवन में एक दीप जलाकर .....
२) बहुत बडा मेरा परिवार , हमे सभी के प्रती हैं प्यार
भारत देश हमारा घर है ,सभी युवक तो भ्रातागण हैं
देखो यह कितना सुंदर है ,भारत माता का प्रांगण हैं
मेरा घर हैं पूर्ण स्वतंत्र , कभी ना होगा यह परतंत्र
चारो ओर हरीतीमा छायी , कुटुंब में नयी हरियाली आई
आओ मिलकर खुशिया मनाये , श्रद्धा से हम शिश झुकाये ......
जय हिंद ....
भारत देश हमारा घर है ,सभी युवक तो भ्रातागण हैं
जवाब देंहटाएंदेखो यह कितना सुंदर है ,भारत माता का प्रांगण हैं
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ।
आपके बड़े पापा जी को सादर नमस्ते!
मार्ग प्रदर्शन कर देते हैं , गुरुजन जी ऐसा निष्कंटक
जवाब देंहटाएंदबा हुआ पौधा फिर बढकर , हो जाता हैं पूर्ण प्रगती पर
..........गहनता लिये हुये हर पंक्ति
आभार रीना जी आपके बड़े पापा जी की कविता पढवाने के लिए ....!
जवाब देंहटाएंमेरा घर हैं पूर्ण स्वतंत्र , कभी ना होगा यह परतंत्र
जवाब देंहटाएंविश्वास से भरी यह कविता आपके पिता जी को बधाई और आपका आभार
thank you...
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प्रिय रीना जी
सुंदर रचना के लिए आपके बडे पापाजी को बधाई और आपका आभार !
मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
bahut hi badhiya likha hai papa ne ...
जवाब देंहटाएंदेखो यह कितना सुंदर है ,भारत माता का प्रांगण हैं
जवाब देंहटाएंमेरा घर हैं पूर्ण स्वतंत्र , कभी ना होगा यह परतंत्र
बहुत सुंदर भाव..... जय हिंद
गहरे भाव लिए सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं......
रीना जी,..खुबशुरत भावपूर्ण इस रचना के लिए सबसे पहले बड़े पापा "रामसूरत मौर्य जी"को मेरा नमस्कार..आभार,..इस सुंदर प्रस्तुती के
जवाब देंहटाएंआपको बधाई,
मेरे नए पोस्ट "वजूद" में आपका स्वागत है...
भारत है प्यारा देश हमारा ...... बहुत प्यारी कविता
जवाब देंहटाएंबहुत प्रेरणादायक प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसही --बिलकुल सही ! गुरुजन और देश की आदर हमेशा होनी चाहिए ! एक जन्म देता है तो दूजा अंगुली पकड़ बड़ा करता है !!बधाई
जवाब देंहटाएंbahut sundar........
जवाब देंहटाएंबहुत खूब... भावों की बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति.. .........
जवाब देंहटाएंबड़े पापा से आपका मतलब शायद आपके 'ताऊ जी' से है.........अच्छी लगी उनकी कवितायेँ....खासकर दूसरी|
जवाब देंहटाएंaap sabhi ka dhanywad...
जवाब देंहटाएंसुंदर सरल और भावपूर्ण कविताएं...शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबड़े पापा से परिचय अच्छा लगा ... सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमार्ग प्रदर्शन कर देते हैं , गुरुजन जी ऐसा निष्कंटक
जवाब देंहटाएंदबा हुआ पौधा फिर बढकर , हो जाता हैं पूर्ण प्रगती पर
बहुत सुंदर ..गहराई से भावनाओं को अभिव्यक्त किया है .....शुक्रिया आपका
गहरी भाई-चारे और देश प्रेम की भावनाओं को अभीव्यक्त करती सुन्दर मुक्तक हैं ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यार भरा सन्देश देती रचना..
जवाब देंहटाएंघर परिवार में यूँ ही खुशियाँ बनी रहती है तो सच में कितना सुकून मिलता है मन को..
पापा की सुन्दर सार्थक रचना प्रस्तुति के लिए धन्यवाद..
हार्दिक शुभकामनाओं सहित..
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति , बधाई.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें, आभारी होऊंगा .
दोनो ही रचनायें प्रेरणादायी हैं. अच्छी प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंप्रिय रीना प्रस्तुत दोनों कवितायेँ सुंदर और भावपूर्ण हैं. आपके बडे पापाजी को बधाई.
जवाब देंहटाएंबधाई सुंदर प्रस्तुति के लिये.
बहुत ही प्यारी कविता लिखी हैं आपके बड़े पापा ने..शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंआपके बड़े पापा ने सुंदर कविता लिखी हैं |बधाई |
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता है ,
जवाब देंहटाएंमेरी माँ ही मेरा सबकुछ नहीं , इस दुनिया में
एक शख्स और है , जिसने खामोशी से मुझे प्यार किया |
आकाश
Rinaji,
जवाब देंहटाएंPoem is very nicely written.
Vinnie