रंग सांवला बिटिया का
कैसे ब्याह रचाऊँगा
बेटे जो होते सांवले...
शिव और कृष्णा उन्हें बनाता
बेटी को क्या उपमा दिलाऊंगा ....
पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
पर अपने रंग से थोड़ा सा लजाई है वो .......
गोरा तो गोरी ही चाहे
काले को भी गोरी ही मनभाए
सांवल किसी को क्यूँ ना सुहाए
प्रेम का रंग क्यूँ कोई देख ना पाए ......
वो भी सृजन है देवों का
करुणा , ममता उसमे भी है
घर की लक्ष्मी भी बन दिखाएगी वो
ग़र समझो उसे की वो अपनी है....
सांवली है पर संध्या है वो..
भोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो ......
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कैसे ब्याह रचाऊँगा
बेटे जो होते सांवले...
शिव और कृष्णा उन्हें बनाता
बेटी को क्या उपमा दिलाऊंगा ....
पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
पर अपने रंग से थोड़ा सा लजाई है वो .......
गोरा तो गोरी ही चाहे
काले को भी गोरी ही मनभाए
सांवल किसी को क्यूँ ना सुहाए
प्रेम का रंग क्यूँ कोई देख ना पाए ......
वो भी सृजन है देवों का
करुणा , ममता उसमे भी है
घर की लक्ष्मी भी बन दिखाएगी वो
ग़र समझो उसे की वो अपनी है....
सांवली है पर संध्या है वो..
भोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो ......
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बहुत शानदार ,बढ़िया है .आपको बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसाँवली बिटिया है तो क्या और भी अच्छा है
जवाब देंहटाएंचाहेगा वोही ,जो ख़ुद तन-मन से सच्चा हैं ....,
खुश रहें!
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (15-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!
धन्यवाद वंदना जी...
हटाएं:-)
सांवल है तो क्या??
जवाब देंहटाएंबिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
बहुत बढिया उम्दा सृजन,,,, बधाई।
recent post हमको रखवालो ने लूटा
सांवली है पर संध्या है वो..
जवाब देंहटाएंभोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो
अब लोग गुणों की जगह रंग को पूजें तो क्या कहा जाये अन्यथा सांवला रंग सब रंगों से न्यारा होता है .काले रंग में कोई दूजा रंग कहाँ चढ़ पाता है
सांवली सलौनी ,श्याम रंग में रंगी चुनरिया अब रंग दूजो भावे न ..............माशूका की खूबसूरती आशिक की आँखों में है वैसे यह हमारे समय का विद्रूप है हर कोई गोरी बहु चाहता है जबकि सफ़ेद
जवाब देंहटाएंचीज़ें (सफ़ेद चावल ,मैदा ,चीनी आदि )सेहत के लिए अच्छी नहीं हैं .
वाह रीना, आपने सांवली सूरत पर मनमोहक रचना की|
जवाब देंहटाएंलड़की की भी सीरत ही देखनी चाहिए...शायद धीरे-धीरे यह मानसिकता भी बदल रही हैः)
aapki pyari si rachna mujhe bahut pasand aayi
जवाब देंहटाएंसांवली है पर संध्या है वो..
जवाब देंहटाएंभोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......वाह रीना सांवले रंग पर बहुत मनमोहक रचना..
बहुत प्यारी और सहज सी अभिव्यक्ति है रीना.....
जवाब देंहटाएंवाकई भीतरी सौंदर्य कोई देखता नहीं.....
सुन्दर रचना..
सस्नेह
अनु
विभिन्न देशों में अलग अलग सोच. पश्चिमी देशों में श्वेत स्त्रियों को टैनिंग का जूनून सांवलेपन के लिए ताकि और खूबसूरत दिख सकें.
जवाब देंहटाएंसांवली है पर संध्या है वो..
जवाब देंहटाएंभोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
वाह... सांवली सलोनी पढ़ी लिखी संस्कारी गुणों से सुसज्जित सचमुच न्यारी ही होती हैं बेटियां... बहुत सुन्दर रचना...
साँवली है तो क्या ? सूरत से सीरत अच्छी होनी चाहिए ... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ... इस अभिव्यक्ति में
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंसादर
सटीक विषय........रंग और गुणों का कोई तालमेल नहीं होता.......सभी रंग कुदरत के बनाये हुए हैं और सभी प्यारे हैं........इस सटीक पोस्ट पर हैट्स ऑफ ।
जवाब देंहटाएंacha msg...nice...
जवाब देंहटाएंacha msg...nice...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सटीक रचना.
जवाब देंहटाएंसादर.
सांवली है पर संध्या है वो..
जवाब देंहटाएंभोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
रंग रूप से उसके गुणों का अंदाजा लगाना गलत है. सुंदर विषय लिया रीना. सुंदर बेजोड प्रस्तुति.
बेटे जो होते सांवले...
जवाब देंहटाएंशिव और कृष्णा उन्हें बनाता
बहुत उत्कृष्ट रचना, लाजवाब
धन्यवाद :-)
जवाब देंहटाएंसशक्त और प्रभावशाली प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंरीना जी, हमारे समाज कि यही विडम्बना है.... गुणों से ज्यादा लडकी का रंग मायने रखता है ... इस प्रवृत्ति को समाप्त होना ही चाहिए .... भावपूर्ण व उद्देश्यपूर्ण एक सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंइस सांवलेपन के दर्द से हम भी गुज़र चुके है ....आज भी रंग को महत्व दिया जाता है .....सटीक रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर रीनाजी ....एक ऐसा विषय ...जो अक्सर चिंता का विषय रहा है ...क्यों ...आज तक नहीं समझ सकी ......
जवाब देंहटाएंये कटु सच मेट्रोमोनियल में साफ नजर आता है...ये दर्द तो रुप रंग से कमजोर हर लड़के औऱ लड़की को सहना पड़ता है। ये ठीक है आज भी लड़कियां रंग के कारण नकार दी जाती है..पर स्थितियों में बदलाव भी आया है...अब लडके भी रंग रुप न होने के कारण नकारे जा रहे हैं....ऐसे लगता है जैसे बदला लेने की प्रवृति चल पड़ी हो।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सी प्यारी सी कविता |
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा है आपने गोरा हो या काला गोरी तो गोरी ही चाहता है |पर यह अवश्य विचारणीय है की सभी को गोरी चाहिए तो काले कहाँ जाएंगे |उम्दा रचना |
जवाब देंहटाएंआशा
what a beautiful line..
जवाब देंहटाएंसांवली है पर संध्या है वो..
भोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......
thnx for sharing.......Reena ji
बहुत ही प्रभावशाली पंक्तियां
जवाब देंहटाएंKailash Sharma shared your blog post on Google+
जवाब देंहटाएंरंग और गुणों में कोई सम्बन्ध नहीं...दिल को छूती बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति...
Sanwali Bitiya .....साँवली बिटिया .....
http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ शुक्रवारीय अंक १३/१२/१३ में आपकी इस रचना को शामिल किया जा रहा हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे .धन्यवाद
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नीलिमा जी..
हटाएंgori chamdi hi bhati hai , gun koun dekhta hai
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाकार हो आप !!
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारे सांवली सलोनी रचना | बधाई आप को
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना .सांवली सी मन भावनी सी कविता
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