तुमसे दूर हूँ कुछ मजबूर हूँ
ना ई - मेल,, ना मेसेज ...
तुमने मना जो किया है
कैसे तुम्हें याद दिलाऊँ
की तुम्हारी बहुत याद आती है
सबसे सुना है की ,,
किसी को याद करो तो
उसे हिचकियाँ आतीं है...
मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
बहुत ज्यादा ...
क्या पता मेरे यादों की हिचकियाँ
तुम्हारे दिल को हिलाती हैं या नहीं
शायद।। हिलाती भी हों
पर लोग ये भी तो कहतें है,,
की हिचकियों को ख़त्म करने के लिए
एक ग्लास पानी काफी है
क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो
हाँ।। शायद ऐसा ही है
तभी तो नहीं आया अब तक
तुम्हारी तरफ से कोई जवाब...
कोमल...सुंदर भाव और अभिव्यक्ति भी ...
जवाब देंहटाएंVah Rina Ji,aap ki hichkiyan manjil tak pahuch zoorur pahuchegi,bahut sundar,
जवाब देंहटाएंहिचकियाँ आती तो होगी तुझे सुबह और शाम
जवाब देंहटाएंआजा,तेरी याद में तड़फ रही हूँ सुबह और शाम.
प्यार से भरी भावनाओं को मेरा शलाम...
मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html
बहुत कोमल भाव लिए सुंदर रचना ....
जवाब देंहटाएंrecent post: बात न करो,
जरूर आती होंगी हिचकियाँ...धेर्य रखिए...जवाब भी आएगाः)
जवाब देंहटाएंअरे नाम लो उसका...हिचकियाँ खतम तो समझो उसने याद किया...
जवाब देंहटाएंये नहीं सुना था क्या ???
दीवानगी से भरी रचना पर प्यार आया रीना...
सस्नेह
अनु
वही तो अनु दी...
हटाएंवो याद ही नहीं करता तो हिचकियाँ कैसे आएँगी..
फिर नाम क्या लूँ...
:-)
क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
जवाब देंहटाएंएक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो
क्या बात है रीना जी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
रीना जी ,हिचकियों पे एक शे'र याद आ रहा है ....
जवाब देंहटाएंक्या याद करने से, उनका यह मुद्दा था
कि दम निकल जाये हिचकियाँ आते-आते :-))
शुभकामनायें!
सबसे सुना है की ,,
जवाब देंहटाएंकिसी को याद करो तो
उसे हिचकियाँ आतीं है...
मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
बहुत ज्यादा ...
ये एहसास होता है ?
वाह प्रेम की सुन्दर माला गूँथी है बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंहिचकियाँ ओर गरम पानी की चाह ... ऐसे ही तो नहीं आई ... यादें हैं तो ये सब है ...
जवाब देंहटाएंअल्हड पन का एहसास लिए
प्रेम रस समेटे सुन्दर कविता की एक गिलास. सुन्दर भाव.
जवाब देंहटाएंएक छोटी सी गुज़ारिश. कृपया अपनी ब्लॉग के लिए लेबल्स के वास्ते दूसरे रंग का चुनाव करें. बहुत मशक्कत करके टिपण्णी का टैब ढूंढना पड़ता है :)
हा सर.. तकलीफ के लिए माफ़ी चाहूंगी....
हटाएंइस बारे में भाई से पहले ही बात हो चुकी है
पर अभी वो घर पर नहीं है तो काम रुका है....
बेचारे उसकी हिचकी तो बंद ही नहीं हो रही होगी .... :):) कोमल अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
मनमोहक..
जवाब देंहटाएं"क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
जवाब देंहटाएंएक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो"
वाह वाह
सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंबधाई !
प्रेम की सुन्दर पंक्तियाँ............
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शानदार पंक्तियाँ,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: रूप संवारा नहीं...
है कितनी तपिश आग में याद की ,
जवाब देंहटाएंकभी यादों की महफ़िल सजाकर तो देखो।
आपने आज यादों की महफ़िल को सजा दिया है। दुआ है की आपको आपके सवालों के जवाब जल्द ही मिल जाएँ।
बहुत खूब अभिव्यक्ति...गहन भाव लिए हुए.. |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण कविता. वैसे आईडिया बहुत जबरदस्त है.
जवाब देंहटाएंकी हिचकियों को ख़त्म करने के लिए
जवाब देंहटाएंएक ग्लास पानी काफी है
क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो
....लाज़वाब अभिव्यक्ति...
madhur yadon ko sajaye sunder kavita.
जवाब देंहटाएंदीवानगी में डूबी हिचकियाँ...
जवाब देंहटाएंप्रेममयी सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंsunder abhivykti !
जवाब देंहटाएंक्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
जवाब देंहटाएंएक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो...
what a brilliant expression
thnx for sharing...
बहुत ही सुन्दर |
जवाब देंहटाएंशायद ऐसा ही है
जवाब देंहटाएंतभी तो नहीं आया अब तक
तुम्हारी तरफ से कोई जवाब...
:)
क्या बात है ... लाजवाब
तुमने मना जो किया है
जवाब देंहटाएंकैसे तुम्हें याद दिलाऊँ
की तुम्हारी बहुत याद आती है
सबसे सुना है की ,,
किसी को याद करो तो
उसे हिचकियाँ आतीं है...
मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
बहुत ज्यादा ...
क्या पता मेरे यादों की हिचकियाँ
तुम्हारे दिल को हिलाती हैं या नहीं
लाजवाब रचना.. !!
तुमने मना जो किया है
जवाब देंहटाएंकैसे तुम्हें याद दिलाऊँ
की तुम्हारी बहुत याद आती है
सबसे सुना है की ,,
किसी को याद करो तो
उसे हिचकियाँ आतीं है...
मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
बहुत ज्यादा ...
क्या पता मेरे यादों की हिचकियाँ
तुम्हारे दिल को हिलाती हैं या नहीं
लाजवाब रचना.. !!
प्रतीक्षा के क्षण जीवन के पाथेय बन जाते हैं।
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता।
ये हिचकियां भी खूब हैं। किसी शायर ने कहा भी है -
जवाब देंहटाएंये हिचकियों में कैसी उलझन बढ़ा रहे हो
तुम याद कर रहे हो या याद आ रहे हो
प्रेम और प्रतीक्षा में डूबी हुई हिचकियां...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।।।
खूबसूरत भाव
जवाब देंहटाएंहिचकी..........
जवाब देंहटाएंइस्स्स्स्स्स्स्स्स्स...
मुझे भी हिचकी आ ही गयी, किसी के याद में:)
आप बेहतरीन लिखते हो रीना जी...
आभार:)
sundar ehsas
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