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शनिवार, 8 दिसंबर 2012

Hichakiyan * हिचकियाँ *

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तुमसे दूर हूँ कुछ मजबूर हूँ
ना  ई - मेल,, ना मेसेज ...
तुमने मना जो किया है
कैसे तुम्हें याद दिलाऊँ
की तुम्हारी बहुत याद आती है
सबसे सुना है की ,,
किसी को याद करो तो
उसे हिचकियाँ आतीं है...
मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
 बहुत ज्यादा ...
क्या पता मेरे यादों की हिचकियाँ 
तुम्हारे दिल को हिलाती हैं या नहीं
शायद।। हिलाती भी हों
पर लोग ये भी तो कहतें है,,
की हिचकियों को ख़त्म करने के लिए 
एक ग्लास पानी काफी है
क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो
हाँ।। शायद ऐसा ही है
तभी तो नहीं आया अब तक
तुम्हारी तरफ से कोई जवाब...

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40 टिप्‍पणियां:

  1. कोमल...सुंदर भाव और अभिव्यक्ति भी ...

    जवाब देंहटाएं
  2. Vah Rina Ji,aap ki hichkiyan manjil tak pahuch zoorur pahuchegi,bahut sundar,

    जवाब देंहटाएं
  3. हिचकियाँ आती तो होगी तुझे सुबह और शाम
    आजा,तेरी याद में तड़फ रही हूँ सुबह और शाम.

    प्यार से भरी भावनाओं को मेरा शलाम...

    मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://rohitasghorela.blogspot.in/2012/12/blog-post.html

    जवाब देंहटाएं
  4. जरूर आती होंगी हिचकियाँ...धेर्य रखिए...जवाब भी आएगाः)

    जवाब देंहटाएं
  5. अरे नाम लो उसका...हिचकियाँ खतम तो समझो उसने याद किया...
    ये नहीं सुना था क्या ???
    दीवानगी से भरी रचना पर प्यार आया रीना...
    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. वही तो अनु दी...
      वो याद ही नहीं करता तो हिचकियाँ कैसे आएँगी..
      फिर नाम क्या लूँ...
      :-)

      हटाएं
  6. क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
    एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो

    क्या बात है रीना जी
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  7. रीना जी ,हिचकियों पे एक शे'र याद आ रहा है ....
    क्या याद करने से, उनका यह मुद्दा था
    कि दम निकल जाये हिचकियाँ आते-आते :-))
    शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  8. सबसे सुना है की ,,
    किसी को याद करो तो
    उसे हिचकियाँ आतीं है...
    मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
    बहुत ज्यादा ...

    ये एहसास होता है ?

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह प्रेम की सुन्दर माला गूँथी है बधाई स्वीकारें

    जवाब देंहटाएं
  10. हिचकियाँ ओर गरम पानी की चाह ... ऐसे ही तो नहीं आई ... यादें हैं तो ये सब है ...
    अल्हड पन का एहसास लिए

    जवाब देंहटाएं
  11. प्रेम रस समेटे सुन्दर कविता की एक गिलास. सुन्दर भाव.

    एक छोटी सी गुज़ारिश. कृपया अपनी ब्लॉग के लिए लेबल्स के वास्ते दूसरे रंग का चुनाव करें. बहुत मशक्कत करके टिपण्णी का टैब ढूंढना पड़ता है :)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हा सर.. तकलीफ के लिए माफ़ी चाहूंगी....
      इस बारे में भाई से पहले ही बात हो चुकी है
      पर अभी वो घर पर नहीं है तो काम रुका है....

      हटाएं
  12. बेचारे उसकी हिचकी तो बंद ही नहीं हो रही होगी .... :):) कोमल अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  13. "क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
    एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो"

    वाह वाह

    जवाब देंहटाएं
  14. प्रेम की सुन्दर पंक्तियाँ............

    जवाब देंहटाएं
  15. है कितनी तपिश आग में याद की ,
    कभी यादों की महफ़िल सजाकर तो देखो।

    आपने आज यादों की महफ़िल को सजा दिया है। दुआ है की आपको आपके सवालों के जवाब जल्द ही मिल जाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत खूब अभिव्यक्ति...गहन भाव लिए हुए.. |

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत सुंदर भावपूर्ण कविता. वैसे आईडिया बहुत जबरदस्त है.

    जवाब देंहटाएं
  18. की हिचकियों को ख़त्म करने के लिए
    एक ग्लास पानी काफी है
    क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
    एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो

    ....लाज़वाब अभिव्यक्ति...

    जवाब देंहटाएं
  19. दीवानगी में डूबी हिचकियाँ...

    जवाब देंहटाएं
  20. क्या तुम भी मेरी यादों की गर्माहट को
    एक ग्लास पानी से ठंडा कर देते हो...
    what a brilliant expression
    thnx for sharing...

    जवाब देंहटाएं
  21. शायद ऐसा ही है
    तभी तो नहीं आया अब तक
    तुम्हारी तरफ से कोई जवाब...
    :)

    क्‍या बात है ... लाजवाब

    जवाब देंहटाएं
  22. तुमने मना जो किया है
    कैसे तुम्हें याद दिलाऊँ
    की तुम्हारी बहुत याद आती है
    सबसे सुना है की ,,
    किसी को याद करो तो
    उसे हिचकियाँ आतीं है...
    मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
    बहुत ज्यादा ...
    क्या पता मेरे यादों की हिचकियाँ
    तुम्हारे दिल को हिलाती हैं या नहीं

    लाजवाब रचना.. !!

    जवाब देंहटाएं
  23. तुमने मना जो किया है
    कैसे तुम्हें याद दिलाऊँ
    की तुम्हारी बहुत याद आती है
    सबसे सुना है की ,,
    किसी को याद करो तो
    उसे हिचकियाँ आतीं है...
    मै भी तुम्हें याद करती हूँ..
    बहुत ज्यादा ...
    क्या पता मेरे यादों की हिचकियाँ
    तुम्हारे दिल को हिलाती हैं या नहीं

    लाजवाब रचना.. !!

    जवाब देंहटाएं
  24. प्रतीक्षा के क्षण जीवन के पाथेय बन जाते हैं।
    अच्छी कविता।

    जवाब देंहटाएं
  25. ये हिचकियां भी खूब हैं। किसी शायर ने कहा भी है -
    ये हिचकियों में कैसी उलझन बढ़ा रहे हो
    तुम याद कर रहे हो या याद आ रहे हो

    जवाब देंहटाएं
  26. प्रेम और प्रतीक्षा में डूबी हुई हिचकियां...
    सुंदर प्रस्तुति।।।

    जवाब देंहटाएं
  27. हिचकी..........
    इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स...
    मुझे भी हिचकी आ ही गयी, किसी के याद में:)
    आप बेहतरीन लिखते हो रीना जी...
    आभार:)

    जवाब देंहटाएं

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