मेरा मन पंछी सा
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गुरुवार, 4 जून 2020
मंगलवार, 26 मई 2020
bhukh भूख
बहुत छोटा शब्द है " भूख "
पर भूख की दौड़ बहुत लंबी है
रोटी तक पहुँचने के लिए
रास्ते में अनेक रोड़े हैं,
अशिक्षा
अज्ञानता
भोलापन
गरीबी
मजबूरी
इन सबके साथ ही हो जाते हैं
ठगी का शिकार
साहब से
धोखेबाजों से
लालचियों से
फिर जो मिलता है, खाते हैं, बचाते हैं l
फिर आ जाता है हाथ आजमाने
खराब किस्मत l
सूखा
बाढ़
आपातकाल
अफवाह
सब कुछ ख़त्म l
बस बचती है मारी हालत की दो रोटी l
सच, भूख की दौड़ बहुत लंबी है
रोटी तक पहुँचने के लिए l
रीना मौर्या मुस्कान
मुंबई, महाराष्ट्र
मंगलवार, 28 अप्रैल 2020
ऐसी होती है माँ
जब भी कुछ परेशानी होती
या कोई कठिनाई आए
मुझे चिंता मुक्त करने के खातिर
कभी माँ, कभी बहन
कभी सखी बन जाती है
माँ तू कितने किरदार निभाती है l
कभी खेलती, बातें करती
आँचल में छुपाती है
सीने से लगाकर मुझको
सारे दुःख बिसराती है
माँ तू कितने किरदार निभाती है l
बच्चों की शिक्षा को तुमने
सर्वप्रथम माना हरदम
मेरे लिए तो माँ तू ही
देवी सरस्वती बन जाती है
माँ तू कितने किरदार निभाती है l
कभी गुरु बन ज्ञान देती
ऊँच-नीच का पाठ पढ़ाती
संस्कारो की देती शिक्षा
जीवन की कला सिखाती है
माँ तू कितने किरदार निभाती है l
तुम्हारी महिमा के क्या कहने
अपने सपने त्यागकर
हमपर सबकुछ वार कर
तू हमारा भविष्य बनाती है
माँ तू कितने किरदार निभाती है।
रीना मौर्या मुस्कान
मुंबई,महाराष्ट्र
रविवार, 19 अप्रैल 2020
कोरोना को मात
कर्फ्यू का करीए पालन, हृदय में लिजिए ठान
घर में रहिए अपनों संग, बची रहेगी जान
कोरोना के रोग का, बढ़ रहा है प्रभाव
नासमझी में कुछ लोग, सबको दे गए घाव
कोरोना के जाल ने, सर्वस्व लिया है घेर
संभल जाओ ऐ दोस्तों,वरना होगी देर
कोरोना के रोग ने, खूब किया आघात
घर में रहकर हम सभी, इसको देंगे मात
कोरोना के रोग ने, हर लिए कितने प्राण
संभल जाओ ऐ दोस्तों, रख लो अपना ध्यान
यहाँ - वहाँ घूमे नहीं, घर है सुरक्षित स्थान
शांति से घर में बैठो, लो बात आप मान
रीना मौर्य मुस्कान
मुंबई महाराष्ट्र
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