आंगन में महकती खुशबू कि तरह
श्रद्धा में वो तुलसी कि तरह
हसती मुस्कुराती गुडिया कि तरह
बेटीया तो है सुंदर परियो कि तरह |
छोटी सी मुस्कान लेकर आती है
नन्हे कदमो से जब वो इठलाती है
तुत्लाकार जब वो कुछ कहती है
घर में खुशहाली छां जाती है |
छोटी सी बीटीया जब बडी हो जाती है
बिदाई कि घडी माता - पिता को तड्पाती है |
भिगी आंखो में वो पुरानी यादे आ जाती है
नन्ही बीटीया के कदमो कि आहट सुना जाती है
लब पर दुआये दिल में फरियाद है
मेरी बीटीया का जीवन सदा आबाद रहे.......|
जज्बातों को खूबसूरती से लिखा है .
जवाब देंहटाएंकमाल कर दिया आपने,खूब.
जवाब देंहटाएंvery nice line
जवाब देंहटाएं♥
जवाब देंहटाएंरीना मौर्य जी
सस्नेहाभिवादन !
मस्त स्माइली और तारों की बरसात के साथ शानदार है आपका ब्लॉग :)
… और कविता भी
आंगन में महकती खुशबू की तरह
श्रद्धा में वो तुलसी की तरह
हंसती मुस्कुराती गुड़िया की तरह
बेटियां तो हैं सुंदर परियों की तरह
बहुत अच्छी भावपूर्ण कविता है
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार
( वर्तनी की शुद्धि का ध्यान रखें , कृपया )
जवाब देंहटाएंहसती मुस्कुराती गुडिया कि तरह
जवाब देंहटाएंबेटीया तो है सुंदर परियो कि तरह
सही कहा आपने बेटियाँ तो होती ही बहुत प्यारी हैं पर अफसोस हमारा समाज बेटियों का मोल नहीं समझता है।
बहुत अच्छा लगा यह कविता पढ़कर।
सादर
कल 10/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
very nice poem
जवाब देंहटाएंwell written about daughter
जवाब देंहटाएंsundar geet...
जवाब देंहटाएंsaadar...
बेटियाँ एक बेहद भावपूर्ण कोमल अहसास.....शुभकामनयें
जवाब देंहटाएंबेत्यों की बात और आपके शब्दों की खुशबू ... झील के तल पर किरनो का नृत्य ... हर किरण जैसे पिता के झील से धडकते दिल पे छोटी सी बच्ची हुई लाड जगा रही हो ... बधाई ...
जवाब देंहटाएंरीना जी आपकी यह रचना मैंने हमारा हरयाणा ब्लॉग पर साँझा की है
जवाब देंहटाएं@ संजय भास्कर
Man ko chhoone wali rachna
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