कब आएगा वो सुरज
जो जीवन में उजाला लाए
कब आएगा वो दिन
जो मेरे हर पल को चमकाये
कब आएगी वो संध्या
जो मन शीतल कर जाए
कब आएगी वो तारो से सजी रात
जो मेरे जीवन को भी सजाये
कब आएगी वो घडी
जो जीवन में रफ्तार लाए
कब आएगी वो सडक
जो मुझे मंजिल तक पहूचाये
इंतजार है मुझे हर उस मौके का
इंतजार है मुझे हर उस लम्हे का
इंतजार है मुझे उस हर एक पल का
मेरे हर इंतजार में एक विश्वास है
उस विश्वास पर मुझे ऐतबार है
ऐतबार -ए-शमा कि लौ यु हि जलाउंगी
मंजिल को पाने का अथक प्रयास करती जाऊंगी
सुंदर अहसास।
जवाब देंहटाएंगहरे भाव।
शुभकामनाएं......
इंतजार है मुझे हर उस मौके का
जवाब देंहटाएंइंतजार है मुझे हर उस लम्हे का
इंतजार है मुझे उस हर एक पल का ... mujhe bhi
कल 11/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
very nice poem
जवाब देंहटाएंकब आएगी वो सडक
जो मुझे मंजिल तक पहूचाये
very nice line
बहुत सुन्दर |
जवाब देंहटाएंआशा
ye intejaar sab ko hai
जवाब देंहटाएंमेरे हर इंतजार में एक विश्वास है
जवाब देंहटाएंउस विश्वास पर मुझे ऐतबार है ...बिल्कुल ..बेहतरीन ।
बहुत सुन्दर |
जवाब देंहटाएंसुंदर अहसास।
जवाब देंहटाएंमेरे हर इंतजार में एक विश्वास है
उस विश्वास पर मुझे ऐतबार है
बहुत सुन्दर
विश्वास की लौ सदा प्रज्ज्वलित रहे - शुभकामनाएं और आशीष
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंbeshak kuchh galtiyaan hain...magar kavita acchi aur aashaa-bhari hai....
जवाब देंहटाएंbahut umda rachna .behtree sarrgarbhit bhav.........badhai sweekar karen
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंशब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।
जवाब देंहटाएंकुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएं.........
मंजिल को भी ऐसे राही का इंतजार है , जिसको उसे पा लेने का ऐतबार है ....
जवाब देंहटाएंरीना जी पहली बार ही आपके ब्लाग पर आना हुआ , मगर अच्छा लगा आपको पढ कर ....
nicely written.
जवाब देंहटाएंbest of luck.
thak you very
जवाब देंहटाएंmuch all of you...
sundar shabd rachna....manjil jaroor milegi apko
जवाब देंहटाएंविश्वास है तो वह दिन आएगा ही
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