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रविवार, 9 अक्तूबर 2011

Intjar इंतजार



कब आएगा वो सुरज 
जो जीवन में उजाला लाए

कब आएगा वो दिन
 जो मेरे हर पल को चमकाये

कब आएगी वो संध्या 
जो मन शीतल कर जाए

कब आएगी वो तारो से सजी रात 
जो मेरे जीवन को भी सजाये 

कब आएगी वो घडी 
जो जीवन में रफ्तार लाए 

कब आएगी वो सडक
जो मुझे मंजिल तक पहूचाये
         
  इंतजार है मुझे हर उस मौके का 
  इंतजार है मुझे हर उस लम्हे का                                  
  इंतजार है मुझे उस हर एक पल का 
                                         
मेरे हर इंतजार में एक विश्वास है 
उस विश्वास पर मुझे ऐतबार है 
ऐतबार -ए-शमा कि लौ यु हि जलाउंगी
मंजिल को पाने का अथक प्रयास करती जाऊंगी 




21 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर अहसास।
    गहरे भाव।
    शुभकामनाएं......

    जवाब देंहटाएं
  2. इंतजार है मुझे हर उस मौके का
    इंतजार है मुझे हर उस लम्हे का
    इंतजार है मुझे उस हर एक पल का ... mujhe bhi

    जवाब देंहटाएं
  3. कल 11/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  4. very nice poem
    कब आएगी वो सडक
    जो मुझे मंजिल तक पहूचाये
    very nice line

    जवाब देंहटाएं
  5. मेरे हर इंतजार में एक विश्वास है
    उस विश्वास पर मुझे ऐतबार है ...बिल्‍कुल ..बेहतरीन ।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर अहसास।
    मेरे हर इंतजार में एक विश्वास है
    उस विश्वास पर मुझे ऐतबार है
    बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  7. विश्वास की लौ सदा प्रज्ज्वलित रहे - शुभकामनाएं और आशीष

    जवाब देंहटाएं
  8. bahut umda rachna .behtree sarrgarbhit bhav.........badhai sweekar karen

    जवाब देंहटाएं
  9. शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।

    जवाब देंहटाएं
  10. कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
    .........

    जवाब देंहटाएं
  11. मंजिल को भी ऐसे राही का इंतजार है , जिसको उसे पा लेने का ऐतबार है ....
    रीना जी पहली बार ही आपके ब्लाग पर आना हुआ , मगर अच्छा लगा आपको पढ कर ....

    जवाब देंहटाएं
  12. विश्वास है तो वह दिन आएगा ही

    जवाब देंहटाएं

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