रंग है उमंग है
चारो ओर हुड़दंग है
मस्ती है प्यार है
रंगों की भरमार है
नीले, पिले, लाल, गुलाबी
रंग सभी को भाते हैं
होली के त्यौहार मे
सबको गले लगाते हैं
गुजिया कचौरी की
मीठी खुशबू
सबका मन ललचाते हैं
भूल के सारे गिले और शिकवे
हम हाथ से हाथ मिलाते हैं
प्रेम से होली मनाते हैं जी
प्रेम से होली मनाते हैं |
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (02-03-2017) को "जला देना इस बार..." (चर्चा अंक-2897) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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रंगों के पर्व होलीकोत्सव की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं !
होली की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंहोली की ढेरों शुभकामनायें ।
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