ये चिड़िया चहचहाती है
पंख पसारे उड़े - उड़े ये
पर्वतो को भी झुकाती है
चेहरे पर मुस्कान है इसके
सुरों में है साज छिड़ा
ना गिरना - ना झुकना ये जाने
ये जाने बस उड़ना
क्योंकि उड़ाते है ये हौसलों की उडान
मन में लिए विस्वास को ठान
इतने ऊँचे विशाल आकाश तले
उड़ते है ये पंख पसारे
और पास आती मंजिल को
चमकती आँखों से निहारे
उड़ते है ये पंख पसारे
और पास आती मंजिल को
चमकती आँखों से निहारे
चिड़िया देती सबक हमें
हम भी कर सकते है कुछ ऐसा
दुनिया बड़ी है तो क्या हुआ
होनी चाहिए मन में मंजिल पाने की इक्क्षा
विस्वास का थामो दामन
मन में कल्पना को लिए उड़ो
तुम अपनी उड़ान
कोई तुम्हे रोक नहीं सकता
अगर है तुममे कोशिश करने की लगन और ईमान......
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.
जवाब देंहटाएंविस्वास का थामो दामन
जवाब देंहटाएंमन में कल्पना को लिए उड़ो
तुम अपनी उड़ान
कोई तुम्हे रोक नहीं सकता
अगर है तुममे कोशिश करने की लगन और ईमान......
mast hai
very nice