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सोमवार, 22 अगस्त 2011

Kash | Mai aisy hoti काश ! मै ऐसी होती

काश, मै एक सुन्दर पुष्प होती,,,,
जो तुम्हारी सांसो को महकाकर -तुम्हारी आत्मा को महकाती..
काश, मै एक सुन्दर गीत होती,,,,
जो तुम्हारे लफ्जो पर गुनगुनाती - और तुम्हारे मंजिल की हमसफ़र बन जाती ..
काश, मै एक हवा होती,,,,
जो इस तपती धुप में - तुम्हे शीतलता प्रदान करती, गरम हवा के झोको से लड़ती 
काश, मै एक जल होती,,,,
जो तुम्हारी प्यास बुझाती तुम्हारी तृष्णा मिटाती...
पर मै क्या हु,,, 
 एक परझाई जो आधे वक़्त भी तुम्हारा साथ नहीं निभा पाती,
पर मै कर भी क्या सकती हू
काश! मै ऐसी होती
काश!

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