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nice
bahut hi sundar
‘मन की आँखों से देखती हूँ तुम्हेंतस्वीर की ज़रूरत नहींतस्वीर तो एक ही रूप में सिमट जायेगी,पर मन की आँखें हर वक़्त तुम्हारी नयी तस्वीरबनाएगी!’अच्छी लगी यह यह सोच भी! बधाई!
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जवाब देंहटाएंbahut hi sundar
जवाब देंहटाएं‘मन की आँखों से देखती हूँ तुम्हें
जवाब देंहटाएंतस्वीर की ज़रूरत नहीं
तस्वीर तो एक ही रूप में सिमट जायेगी,
पर मन की आँखें हर वक़्त तुम्हारी नयी तस्वीर
बनाएगी!’
अच्छी लगी यह यह सोच भी! बधाई!