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रविवार, 6 मई 2012

Aise Likhati Hun Mai Khat ऐसे लिखती हूँ मैं ख़त




देखो ऐसे लिखती हूँ मैं ख़त
तुम भी देखो और बताओ ठीक तो है ना....


हर बार लिखती हूँ ख़त ये सोचकर 
की,शायद इस बार आ जाये कोई जवाब.
यादों की कलम से लिखना शुरू करती हूँ 
हर बार भर देती हूँ अपनी सारी भावनाए उसमे......
अरमानों के चाँद तारे से थोडा सजा भी देती हूँ ......
फिर उसमे खुशबू भी झिड़क देती हूँ ,,,,,,
उन खुबसूरत लम्हों की
जो सोचा है मै बिताउंगी उनके साथ .......
जब कभी वो आएंगे मेरे पास ......
कुछ सपने भी लिख देती हूँ ,,,
कुछ प्यारभरे ,,मधभरे गीतों की पंक्तियाँ भी लिख देती हूँ 
उन्हें प्रलोभन देने के लिए 
हाँ- हाँ श्रृंगार का भी इशारा दे देती हूँ
ये भी तो कम नहीं है...
एक बार अच्छे से दोहराती हूँ कहीं कुछ छुट ना जाये 
फिर एक सुन्दर से लिफाफे में रखकर भेज देती हूँ उनके पास 
इस आशा में की शायद 
इस बार आये कोई जवाब,,,,,
ऐसे लिखती हूँ मै ख़त .....
ठीक तो है ना 
कहीं कुछ रह तो नहीं गया .....
अपने आप से ही सवाल करती हूँ 
प्रिय |||| तेरे जवाब का मै इंतजार करती हूँ   ....


areee please please please... ise sirf kavita ke roop me hi dekhe....
vastavik jindagi se is rachana ka koi sarokaar nahi hai....


38 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसे खत बाद में जीने के सहारे भी बनते हैं।
    बहुत ही बढि़या कविता।

    जवाब देंहटाएं
  2. reena जी बहुत खूब,
    मे अपने नए ब्लॉग 'साहित्य - नारी हस्ताछर' मे आपका ब्लॉग अदद करना चाहता हु क्या आप की अनुमति हे.

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभकामनाएं |
    इस बेहतरीन प्रस्तुति पर ||

    जवाब देंहटाएं
  4. do jawab soojh rahe hain apki is prastuti par...
    1.
    areyyyyyyyyy wah itna pyara khat likhti hain aap ? arey ek to meri taraf bhi aa jaye... ha.ha.ha.
    2.
    bas ! bas! bas ! itna kuchh mat bharo khat me bhari ho jayega aur kam paise ki tikat lagi dekh berang laut aayega.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. 1...ji apke liye isase bhi accha khat likh dungi...

      2....jada paise ki tikat laga ke bhejungi....taki waha tak pahunch to jaye kam se kam.....

      thanks...
      and welcome:-)

      हटाएं
  5. वाह..सुन्दर प्रस्तुति!
    आप द्वारा लिखा ख़त चांदनी में नहाया नहाया सा लग रहा है..सितारों की मुहर और स्नेह से चिपकाया सा लग रहा है

    जवाब देंहटाएं
  6. जवाब आएगा..................
    क्या पता पत्र की जगह वो खुद ही चले आयें..................
    :-)

    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  7. यादों की कलम से लिखना शुरू करती हूँ
    हर बार भर देती हूँ अपनी सारी भावनाए उसमे......

    ख़त की महता और उसकी प्रासंगिकता बढ़ गयी है आपकी इस रचना से ..निश्चित रूप से जबाब आयेगा .....!

    जवाब देंहटाएं
  8. हर बार लिखती हूँ ख़त ये सोचकर
    की,शायद इस बार आ जाये कोई जवाब.
    यादों की कलम से लिखना शुरू करती हूँ
    हर बार भर देती हूँ अपनी सारी भावनाए उसमे......
    अरमानों के चाँद तारे से थोडा सजा भी देती हूँ ......
    फिर उसमे खुशबू भी झिड़क देती हूँ ,,,,,
    so so so nice letter ful of emotions and feelings , beautiful expression, superb .

    जवाब देंहटाएं
  9. हाय! जब कोई इतने प्यार से खत लिखेगा तो जवाब कैसे ना आयेगा …………जवाब तो उन्हे देना ही पडेगा :)

    जवाब देंहटाएं
  10. Such beautiful letters leaves the receiver overwhelmed and speechless..., hence they remain unanswered!
    lovely poem:)

    जवाब देंहटाएं
  11. इस आशा में की शायद
    इस बार आये कोई जवाब,,,,,
    ऐसे लिखती हूँ मै ख़त .....
    ठीक तो है ना ,..

    आपने पत्र तो बढ़िया लिखा,..इन्तजार करे इस बार जबाब जरूर आएगा

    RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही खूबसूरत.......सुन्दर रचना..

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने ...

    जिन्दगी के सभी रंग, सपने भर कर आप कहती हैं कि वास्तविक जिन्दगी से इसका कोई सरोकार नहीं है .. ये कैसे हो सकता है ?

    आप इतना ख़त लिखें कि कुछ भी अधूरा और अकेला न रहे........

    जवाब देंहटाएं
  14. मन के भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

    जवाब देंहटाएं
  15. मन के भावो को शब्द दे दिए आपने......

    जवाब देंहटाएं
  16. इंतज़ार का अपना आनंद है ....
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  17. कुछ प्यारभरे ,,मधभरे गीतों की पंक्तियाँ भी लिख देती हूँ
    उन्हें प्रलोभन देने के लिए
    हाँ- हाँ श्रृंगार का भी इशारा दे देती हूँ
    ये भी तो कम नहीं है...


    bahut sundar bhavon ke sath bahut hi khoobsoorat rachana ....bahut bahut abhar Reena ji .

    जवाब देंहटाएं
  18. बेहतरीन भावपूर्ण अभिव्यक्ति...बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  19. जज्बात का सफ़र अक्सर ,
    होता ही है अलफ़ाज़ से.
    आपके जज्बात का सफ़र और अलफ़ाज़ की गहराई दिल को छू गई.
    मोहब्बत नामा के बाद एक और तकनिकी ब्लॉग बनाम ''मास्टर्स टेक टिप्स '' पर आपका स्वागत है.
    http://masters-tach.blogspot.com/

    http://ishq-love.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत खूबसूरत अंदाज़ में पेश की गई है पोस्ट.....शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  21. वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

    जवाब देंहटाएं
  22. खत लिख दे सांवरिया के नाम बाबू....बहुत सुंदर कविता !

    जवाब देंहटाएं
  23. शादी के पहले हमने भी बहुत ख़त लिखे.. कवितायेँ लिखी ..आज तो खुद बच्चों के साथ बच्चे अपनी कविता बनाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ते ..
    ..फिर वे दिन याद आये .अच्छा लगा..

    जवाब देंहटाएं



  24. हमने सनम को ख़त लिखा …
    :)
    रीना जी
    सस्नेहाभिवादन !

    # प्रथम तो यह कि मैं इस पोस्ट पर कमेंट कर के गया था , पता नहीं पब्लिश होने से कैसे रह गया …

    # दूसरी बात यह कि बहुत सुंदर कविता है …

    # तीसरी बात यह कि अभी मेरे ब्लॉग पर भी
    गुज़रे वक़्त के ख़त
    पढ़े जा सकते हैं …
    आइएगा …

    हार्दिक शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

    जवाब देंहटाएं
  25. बात वही है
    मैने कही है
    न सुनो पर
    रहनी सही है
    !

    जवाब देंहटाएं
  26. बढ़िया प्रस्तुति! आपकी कविता में भाव की बहुलता इसे पठनीय बना देती है । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  27. इस आशा में की शायद
    इस बार आये कोई जवाब,,,,,
    ऐसे लिखती हूँ मै ख़त .....
    ठीक तो है ना
    कहीं कुछ रह तो नहीं गया .....
    अत्यंत सुन्दर रचना।जब दिल से लिखा जाये तो जज्बात अल्फाज़ बन जाया करते हैं।जबां खामोश रहती है ,कलम फिर बात करता है।

    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं

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